फ्रांस की राजधानी पेरिस में हजारों लोगों ने बच्चों को पैगम्बर का कार्टून दिखाकर पढ़ाने की वजह से मारे गए टीचर सैम्युअल पैटी के समर्थन में सड़कों पर उतरे। लोग कट्टर इस्लामी सोच के खिलाफ नारेबाजी करते आए। प्रदर्शन में फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्ते ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘तुमने हमें डराया नही है। हम घबराए नहीं हैं। तुम हमें बांट नहीं सकते। हम फ्रांस हैं।’’
कास्ते के साथ इस प्रदर्शन में एजूकेशन मिनिस्टर जीन-मिशेल ब्लैंकर, पेरिस की मेयर एन्ने हिडाल्गा शामिल हुई। जूनियर इंटीरियर मिनिस्टर मार्लिन शिएप्पा ने कहा कि हम देश के टीचर्स, सेक्युलरिज्म और अभिव्यक्ति के आजादी का समर्थन करने यहां पहुंचे हैं।
तीन दिन पहले टीचर की गला रेतकर हत्या हुई थी
फ्रांस में शुक्रवार शाम एक हमलावर ने हिस्ट्री टीचर की गला रेतकर हत्या कर दी। कुछ देर बाद पुलिस ने हमलावर को घेर लिया। उससे सरेंडर करने को कहा गया। जब उसने सरेंडर नहीं किया तो पुलिस ने उसे गोली मार दी। हमलावर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। टीचर पर आरोप है कि उसने कुछ दिन पहले क्लास में इस्लाम से जुड़ी कोई फोटो दिखाई थी। बताया जाता है कि हमलावर इसी बात से नाराज था।
टीचर की हत्या मामले में अब तक 11 लोग गिरफ्तार
अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि इन लोगों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘टीचर की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वो फ्रीडम ऑफ स्पीच यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का इस्तेमाल कर रहा था। वो इस्लामिक कट्टरता की शिकार हुए। मैक्रों ने घटनास्थल का दौरा भी किया था।’’
फ्रांस में किसी टीचर पर कट्टरवादी हमले की पहली घटना
फ्रांस में सैम्युअल पैटी की हत्या किसी टीचर पर कट्टरवादी हमले की पहली घटना है। इससे पहले फ्रांस की इस मैगजीन शार्ली एब्दो के ऑफिस पर हमला हुआ था। मैगजीन ने पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम से जुड़े कार्टून छापे थे। अलकायदा की यमन ब्रांच ने हमले की जिम्मेदारी थी। इस हमले में फ्रांस के मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 12 लोगों की जान गई थी।