सिंधिया (ज्योतिरादित्य सिंधिया) के साथ कांग्रेस छोड़ने के बाद हाल ही में ग्वालियर में हजारों की संख्या में नेता व कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इसी के साथ कांग्रेस में गतिविधियां बढ़ने लगी हैं। इसी सिलसिले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने शिवपुरी आए। कांग्रेस पार्टी में जान फूंकने के लिए जयवर्धन सिंह ने कोशिश की।
उन्होंने पांच महीने पुराने घटनाक्रम की याद दिलाते हुए कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि सिंधियाजी पार्टी छोड़कर चले जाएंगे। लेकिन जो हुआ सो हुआ, वो हमारे नियंत्रण में नहीं था। लेकिन आपको आश्वासन देने आया हूं कि आप सब खुद को कभी अकेला मत समझना।
उन्होंने कहा कि आपकी कुछ भी समस्या हो। हम सब जी-जान से सेवा के लिए हाजिर रहेंगे। बीस माह पहले मैं भी राघौगढ़ से चुनाव जीतकर आया था। उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में कहा कि अगर मैं चुनाव जीतकर विधानसभा एक-एक मतदाता पास जाऊं और फिर 15 महीने बाद पैसे खाकर इस्तीफा दूं, क्या मेरे क्षेत्र की जनता मुझे कभी माफ करेगी? उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपके दोनों क्षेत्र में उप चुनाव आने वाले हैं।
जयवर्धन सिंह बोले कि जनता गलती सुधारेगी, जो विधायक बदले हैं, वो बिके हैं। चुनाव बहुल जल्द आने वाले हैं। जयवर्धन सिंह ने कहा कि पोहरी और करैरा की दोनों सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिसको भी टिकट दें, हम सबको मिलकर उनका साथ देना हैं। जिले में दोनों सीटों पर कांग्रेस का विधायक बनाना है।
बीजेपी के कार्यक्रम में यशोधरा और नरोत्तम ही नहीं आए
हाल ही में ग्वालियर में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के भाजपा के दावे पर विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि 76 हजार लोगों के भाजपा में शामिल होने की बात झूठी है। भाजपा के लोग भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। जयवर्धन सिंह ने कहा कि ग्वालियर में कार्यक्रम हुआ, लेकिन उसमें वरिष्ठ भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया और नरोत्तम मिश्रा को नहीं बुलाया। भाजपा में अभी से मतभेद हो रहा है।