नई दिल्ली: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) फिल्म 'रात अकेली है (Raat Akeli Hai)' नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज होते ही जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर रही है. फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के इंस्पेक्टर जटिल यादव के किरदार को पसंद किया जा रहा है और एक बार फिर वह अपनी एक्टिंग से दिल जीतने में कामयाब रहे हैं. 'रात अकेली है' के OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म पर सब बराबर हैं, न बजट मायने रखता है और न ही एक्टर. सिर्फ कंटेंट मायने रखता है. पेश है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंशः
'रात अकेली है (Raat Akeli Hai)'में जटिल यादव के किरदार के लिए मेहनत मशक्कत करनी पड़ी आपको?
देखिये मेहनत मशक्कत तो जो होती है वह होती है, लेकिन शूटिंग से पहले ही हमने मेहनत करनी इसलिए शुरू कर दी थी क्योंकि कैरेक्टर की चीजों में बहुत कॉम्प्लेक्सिटी हैं. हनी के साथ बैठकर हमने पूरा कैरेक्टर कैसे मूव करेगा, कैसे वह प्रोफेशनली आगे बढ़ेगा यह सारी बातचीत हमने पहले ही कर ली थी. तो मुख्य तैयारी हमारे लिए वो थी.
राधिका आप्टे (Radhika Apte) एक बेहतरीन अदाकारा हैं. आपका उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा इस फिल्म में?
सीखने का मौका मिला उनसे काफी. लंदन से वह काफी तकनीकें लेकर आती हैं. जब भी वह आती हैं तो हमारे जैसे एक्टर को उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है.
क्या असल जिंदगी में भी इस तरह के पात्र से आपका वास्ता पड़ा है, जिसकी बारीकियां आपने कैरेक्टर में डाली हों?
इस तरह के लोग आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में होते हैं. बहुत ही कॉमन तरह के लोग होते हैं और आपकी जिंदगी में एग्जिस्ट भी करते हैं. तो रोजाना पाला पड़ता है इस तरह के लोगों से. वो एक प्रोफेशन है उनका, कॉप हैं वो, उनका काम है. लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे लोग हर जगह मिलते हैं
OTT प्लेटफॉर्म के लोकतंत्र के बारे में आपका क्या कहना है? सब बराबर हैं?
ओटीटी पर सब बराबर हैं. व्यूवरशिप इतनी है कि चाहे आपकी 15 करोड़ की फिल्म हो, चाहे स्टार हो, सुपरस्टार हो या कुछ और. अगर कॉन्टेन्ट होता है तो लोग देखते हैं वरना हटा देते हैं.
पहले आपने सिनेमाघरों में धूम मचा दी थी, अब आप नेटफ्लिक्स और बाकी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर धूम मचा रहे हैं तो आपका सीक्रेट क्या है?
सीक्रेट यह है कि काम करते जाएं, मेहनत करते जाएं. बाकी धूम मचाना तो लोगों पर निर्भर करता है कि वह किस तरह से आपके काम को देखते हैं, अप्रिशिएट करते हैं. अपना काम तो केवल काम करते जाना ही है.