भोपाल। वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके कोरोना वायरस का असर देशभर में भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अब तक 415 संक्रमित केस सामने आ चुके हैं। वहीं, 7 मौतों की मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि, अब तक 24 संक्रमित मरीजों को ठीक भी किया जा चुका है। मध्य प्रदेश में भी अब तक 5 संक्रमित लोग सामने आ चुके हैं। हालात को देखते हुए कई लोगों में ये असमंजस बना हुआ है कि, इस संक्रमण से निपटने के लिए देश में कोई खास व्यवस्था भी है या नहीं?
प्रशासन ने उठाया महत्वपूर्ण कदम
बता दे कि, इस संक्रमण से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि, हम खुद सजग रहें। कोरोना को हराने का फिलहाल सबसे बेहतर तरीका खुद को घर में रखना और स्वच्छता बनाए रखना है। इसके अलावा, केन्द्र और राज्य प्रशासन भी इस आपदा से लड़ने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। हालही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ रिसर्च की ओर से जानकारी सामने आई है कि, केन्द्र सरकार की ओर से कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए ICMR से मान्यता प्राप्त देशभर में 118 सरकारी लेबोरेट्रीज सेंटर खोले जा चुके हैं। इनमें मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में 4 टेस्टिंग लैब स्थापित किये गए हैं।
मध्य प्रदेश में यहां की गई व्यवस्था
मध्य प्रदेश के भोपाल में 2 और 1 जबलपुर और 1 आईसीएमआर की मान्यता प्राप्त कोरोना वायरस की जांच लैबोरेट्रबनाई गई हैं। ये लैब भोपाल के AIIMS और गांधी मेडिकल कॉलेज में बनाए गए हैं। वहीं, इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भी इसकी व्यवस्था की गई है। साथ ही, जबलपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन ट्राइबल हेल्थ में भी इसके बड़े लैब स्थापित किये गए हैं। साथ ही, सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल के हिसाब से इसके कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं।
प्राइवेट लैबोरेट्रीज से भी किया गया टाइअप
आईसीएमआर द्वारा जारी सूची के मुताबिक, COVID-19 से निपटने के लिए 92 टेस्टिंग सेंटर्स में कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है। वहीं, 26 नई लेबोरेट्रीज भी तैयार की जा चुकी है। वहीं, स्वास्थ मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने देश की 12 बड़े जांच केन्द्रों से भी टाईअप किया है। साथ ही, देशभर में 15 हजार कलेक्शन सेंटर तैयार किये गए है, जो तत्काल जांच को तय जांच केन्द्र पहुंचाने का कार्य करेंगे।