ग्वालियर। मध्य प्रदेश के उपचुनाव आने ही वाले हैं। इस चुनाव का मुख्य अखाड़ा ग्वालियर चंबल संभाग होगा क्योंकि यहां की 16 सीटों पर चुनाव होने हैं और सभी सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र वाली हैं परंतु कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ इस चित्र में कट्टर सिंधिया विरोधियों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए तनाव का दूसरा नाम है हरीवल्लभ शुक्ला
शिवपुरी जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री हरीवल्लभ शुक्ला, कांग्रेस से भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित पूरे सिंधिया राजवंश के लिए तनाव का दूसरा नाम है। श्री शुक्ला जी शुरू से लेकर अब तक की सारी राजनीति सिंधिया परिवार के लोगों के विरोध से शुरू होकर वहीं पर खत्म हुई है। श्री शुक्ला ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी करना हरीवल्लभ शुक्ला को अच्छे से आता है परंतु फिलहाल श्री शुक्ला कांग्रेस में बेरोजगार हैं। कमलनाथ उनका कोई उपयोग नहीं कर रहे हैं।
बाहरी नेताओं के कारण कांग्रेस में भितरघात हो सकता है
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने ग्वालियर चंबल संभाग में पार्टी की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अपनी टीम के ऐसे नेताओं को भेज दिया है जिन्हें ग्वालियर चंबल संभाग का ना तो इतिहास पता है और ना ही भूगोल। वह लोग सिर्फ 'जय-जय कमलनाथ' जपते रहते हैं। ऐसे नेताओं के हाथ में पावर होने के कारण ग्वालियर चंबल संभाग का जमीनी कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज है और ग्वालियर चंबल संभाग का इतिहास बताता है कि इस इलाके में यदि किसी पार्टी का कार्यकर्ता संतुष्ट होने पर फायदेमंद हो या ना हो लेकिन नाराज होने पर नुकसानदायक जरूर होता है।