रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख आज दौरे पर हैं। उन्होंने लेह में स्टकना फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से बात की। राजनाथ ने हथियारों का जायजा भी लिया। उन्होंने पीका मशीनगन हाथ में लेकर देखी।
सैनिकों ने पैरा ट्रूपिंग और सैन्य अभ्यास का प्रदर्शन भी किया। राजनाथ के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी हैं।
दो दिन के दौरे में राजनाथ आज लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशंस का जायजा लेंगे। शनिवार को श्रीनगर जाएंगे। गलवान की घटना के बाद राजनाथ पहली बार लद्दाख का दौरा कर रहे हैं। 15 जून को गलवान घाटी में चीन से झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे।
सेना की एक्सरसाइज का जायजा लेते हुए रक्षा मंत्री।
मोदी के लद्दाख दौरे के 13 दिन बाद राजनाथ पहुंचे
इससे पहले राजनाथ का 2 जुलाई को लद्दाख जाने का प्रोग्राम था, लेकिन टाल दिया गया। उसके अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंच गए। मोदी ने चीन से झड़प में शामिल जवानों का हौसला बढ़ाया और चीन को चुनौती देते हुए उसकी विस्तारवादी नीति पर निशाना साधा था।
भारत-चीन के बीच डिसएंगेजमेंट का पहला फेज पूरा, दूसरे में दिक्कत
मोदी के दौरे के 2 दिन बाद यानी 5 जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की चीन के विदेश मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर बात हुई। उसके बाद चीन झुक गया और लद्दाख के विवादित इलाकों से अपनी सेना हटाने को राजी हो गया। पहले फेज का डिसएंगेजमेंट पूरा भी हो चुका है।
हालांकि, दूसरे फेज में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। न्यूज एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि पैंगोग त्सो और देपसांग इलाकों में चीन विवाद से पहले की स्थिति में लौटने को तैयार नहीं हो रहा। इस मुद्दे पर भारत-चीन के बीच मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत हुई जो साढ़े चौदह घंटे चली थी।