जयपुर. राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश और विधायकाें की खरीद-फराेख्त के आरोपों के बीच यहां रविवार को सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। जयपुर से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट समेत 12 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकाें के दिल्ली के अलावा हरियाणा के तावड़ू स्थित एक हाेटल में हाेने की सूचना मिली। नाराज चल रहे कांग्रेसी विधायक पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। इसके लिए समय मांगा गया है।
इस बीच खबर आ रही है कि सचिन भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। उन्होंने 15 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। उधर, भाजपा का कहना है कि पहले वह गहलोत सरकार गिराएं।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा ने मुख्यमंत्री पद देने से इनकार कर दिया है। इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने आज रात जयपुर में सभी मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलाई है।
नोटिस मिलने से नाराज हैं पायलट
पायलट के नाराज होने की वजह विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का नोटिस बताया जा रहा है। इस मामले में उनसे पूछताछ की जाएगी। हालांकि, एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत अन्य मंत्रियों को भी नोटिस भेजा है।
विधायकाें की खरीद-फराेख्त के मामले में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसओजी का गठन किया था। एसओजी के अनुसार उसने अवैध हथियार और विस्फोटक सामग्री की तस्करी से जुड़े मामले में मोबाइल नंबर 9929229909 और 8949065678 को सर्विलांस पर लिया हुआ था। इन पर हुई बातचीत में सामने आया है कि राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने की साजिश रची गई थी। विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए देने की जानकारी भी सामने आई है।
विधायकों को पैसा देने के मामले में एसीबी ने शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर किशनगढ़ से सुरेश टांक और पाली मारवाड़ जंक्शन से निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने मोर्चा संभाला, विधायकों से बात कर रहे
अशोक गहलोत सुबह से अपने आवास पर कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों से मिल रहे हैं। सभी मंत्रियों और विधायकों को कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र को छोड़कर जयपुर पहुंचे। राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के मुताबिक, 'कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसी विधायक या मंत्री का फोन बंद आए या फिर वह नहीं मिल रहा है तो घबराएं नहीं, उससे संपर्क करें। सरकार को बचाने की जिम्मेदारी सब पर है।'
अपडेट्स
- अशोक गहलोत ने एसओजी के नोटिस पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मीडिया इन्हें गलत ढंग से पेश कर रहा है।
- भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ओम माथुर ने कहा, 'कांग्रेस के बीच अक्सर कलह की खबरें आती रहती हैं। अशोक गहलोत तो इसका आरोप भाजपा पर डाल रहे हैं। उन्हें अपना घर देखना चाहिए। जब गहलोत सरकार का गठन हुआ था, तब से यह संकट चला आ रहा है। पायलट और गहलोत की लड़ाई इसकी असली वजह है। गहलोत भाजपा को दोष देने की कोशिश कर रहे हैं।
- कपिल सिब्बल का ट्वीट- अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं।
सोशल मीडिया पर चर्चा- सचिन पायलट अगले सीएम होंगे?
सोशल मीडिया पर सचिन पायलट के अगला सीएम बनने की चर्चा चल रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि पायलट राजस्थान के अगले ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे? क्या राजस्थान में भाजपा की सरकार बन जाएगी?
ये विधायक दिल्ली पहुंचे
सुरेश टांक, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, ओम प्रकाश हुडला, राजेंद्र बिधुड़ी, पीआर मीणा, रोहित बोहरा, चेतन डूडी और दानिश अबरार दिल्ली पहुंचे हैं। बाकी के विधायकों के नाम का पता नहीं चल पाया है। भास्कर से बातचीत में इन विधायकों ने बताया कि वे निजी काम से दिल्ली पहुंचे हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- केंद्र के इशारे पर सरकार गिराने में जुटे पूनिया, राठौड़ और कटारिया
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का सीधे नाम लेते हुए कहा, 'ये लोग केंद्रीय नेताओं के इशारे पर राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए खेल खेल रहे हैं। एक तरफ राज्य सरकार काेराेना से लड़ रही है लेकिन भाजपा सरकार गिराने की कोशिशों में लगी है।' उन्होंने कहा कि जैसे बकरा मंडी में बकरे बिकते हैं, भाजपा उसी ढंग से खरीदकर राजनीति करना चाहती है...इनकी बेशर्मी की हद है।
राजस्थान विधानसभा की मौजूदा स्थिति: कुल सीटें: 200
पार्टी |
विधायकों की संख्या |
कांग्रेस |
107 |
भाजपा |
72 |
निर्दलीय |
13 |
आरएलपी |
3 |
बीटीपी |
2 |
लेफ्ट |
2 |
आरएलडी |
1 |
राजस्थान की विधानसभा में दलीय स्थिति को देखें तो कांग्रेस के पास 107 विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा, सरकार को 13 निर्दलीय और एक राष्ट्रीय लोकदल के विधायक का भी समर्थन है। गहलोत सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है। उधर, भाजपा के पास 72 विधायक हैं। बहुमत जुटाने के लिए कम से कम 29 विधायक चाहिए।