रतलाम। सोमवार को एक ही दिन में पावती के नाम पर रिश्वत मांगने वाले अगल-अलग स्थानों पर दो पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों धरदबोचा।
एक ही दिन में दो पटवारी को रिश्वत लेते रंग हाथ पकड़ने का पहला मामला है। सुबह आलोट में लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी विजय सिंह मुनिया को एक किसान से पावती के नाम पर दो हजार रू. की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया तो वहीं दोपहर में नवीन कलेक्टर कार्यालय परिसर में पटवारी वीरेन्द्र सिंह सोलंकी को दस हजार रू. की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंग हाथों गिरफ्तार किया। पटवारी वीरेन्द्र सिंह सोलंकी पर आरोप है कि जमीन बंटवारे और नई पावती बनाने के लिए रिश्वत मांगी थी।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार,फरियादी सोहेल खान पिता सरवर खान नि.मिल्लत नगर उंकाला रोड के दादाजी के नाम पर जमात खाने के पास करीब पांच बीघा जमीन थी। उक्त जमीन का सोहेल और उसके छह भाईयों में बंटवारा हुआ था। बंटवारे के बाद सभी भाईयों की अलग अलग पावतियां बनवानी थी। अलग अलग पावतियां बनाने के लिए पटवारी वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने प्रत्येक पावती के लिए बीस हजार रु. की मांग की थी। फरियादी सोहेल ने अपनी पावती के लिए जब बात की तो पटवारी ने दस हजार में पावती बना देने की बात कही। फरियादी सोहेल ने तीन जुलाई को मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की थी। सोहेल की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने आज योजनाबध्द तरीके से सोहेल को रिश्वत की रकम लेकर भेजा। सोहेल कलेक्टोरेट स्थित पटवारी वीरेन्द्र सिंह की टेबल पर पंहुचा और उसने दस हजार रु.पटवारी को सौंपे। जैसे ही रिश्वत की रकम पटवारी को दी गई,लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा। कलेक्टोरेट परिसर के भीतर हुई इस घटना से पूरे कलेक्टोरेट में हडकंप सा मच गया।
वहीं आलोट में भी लोकायुक्त टीम द्वारा हल्का नंबर 9 के पटवारी विजय सिंह मुनिया को किसान की पावती बनाने के नाम पर रू. 2000 की रिश्वत लेते हुए टीम ने पटवारी को रंगे हाथ पकड़ा पिछले कुछ दिनों से फरियादी द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की जा रही थी कि उक्त पटवारी पावती बनाने के नाम पर रू.2000 की मांग कर रहा है जिसके बाद लोकायुक्त टीम द्वारा व्यूह रचना बनाई गई l जिसके बाद पटवारी द्वारा बताए गए दिन और समय के अनुसार लोकायुक्त टीम ने रू. 500 के चार नोट रंगीन फरियादी के द्वारा पटवारी के समक्ष देने पहुंचाएं और उसी समय लोकायुक्त की टीम द्वारा रंगे हाथ पटवारी को धर दबोचा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के अंतर्गत 30 B 1 एवं 13 B 1 मैं प्रकरण दर्ज कर लिया गयाl