नई दिल्ली. भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन के दौरे पर रूस रवाना हुए। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा को लेकर और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही भारत एस-400 ट्रायम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। राजनाथ का यह दौरा चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के 6 दिन बाद हो रहा है। 15 जून को हुई झड़प में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे
रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया- रूस की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर बातचीत होगी। मैं मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में भी शामिल होऊंगा। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी गए हैं।
रूस के रक्षा मंत्री को भारत-चीन तनाव की जानकारी देंगे
माना जा रहा है कि कोरोना के चलते रूस ने एस-400 डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी में दिसंबर 2021 तक देरी की। भारत पिछले साल ही इसके लिए रूस को 5.4 बिलियन डॉलर (40 हजार करोड़ रु.) का भुगतान कर चुका है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने रविवार को स्पुतनिक को बताया कि राजनाथ अपनी यात्रा के दौरान चीन और भारत के सीमा तनाव पर रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू को जानकारी देंगे। वहीं, इस दौरान राजनाथ सिंह की चीनी अधिकारियों से मुलाकात नहीं होगी। उधर, कोरोनावायरस महामारी के बीच किसी भी भारतीय नेता की यह पहली विदेश यात्रा है।