लेह. एक दिन पहले आसमान में दौड़ते फाइटर प्लेन के तमाम फुटेज मीडिया चैनल्स पर चलने के बाद शनिवार को एयरफोर्स ने लेह में मौजूद जर्नलिस्ट्स से वीडियो नहीं बनाने की अपील की है। इस सिलसिले में शनिवार सुबह सबसे पहला फोन लेह के लोकल जर्नलिस्ट और प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट मोरुप स्टंजिंग के पास आया। फोन एयरफोर्स ऑफिसर का था, हालांकि मोरुप ने हमें अफसर का नाम नहीं बताया। मोरुप के मुताबिक, एयरफोर्स अधिकारी का कहना था कि जो भी जर्नलिस्ट एयर मूवमेंट की तस्वीरें ले रहे हैं, उन्हें वीडियो लेने से मना कीजिए, क्योंकि यह सिक्योरिटी का मामला है।
मोरुप ने लोकल जर्नलिस्टों के साथ-साथ नेशनल मीडियाकर्मियों को भी यह मैसेज फॉरवर्ड किया। इसी बीच एयरफोर्स अधिकारियों ने होटल अथॉरिटीज को भी कहा कि उनके यहां ठहरे नेशनल मीडिया के जर्नलिस्ट को एयर मूवमेंट के वीडियो बनाने से मना करें। पुलिस ने लेह की उन दोनों होटल्स में आकर वहां ठहरे लोगों की पूरी जानकारी भी ली है। इनमें ज्यादातर लोग मीडियाकर्मी ही हैं।
लेह से गलवान जाने नहीं दिया जा रहा
इसी बीच जिन दो होटल्स में दिल्ली के मीडियावाले ठहरे हुए हैं, उसके बाहर लेह से गलवान जानेवाले रास्ते पर पुलिस ने शनिवार को एक टेंट लगा दिया है। पुलिसवाले यहां से गलवान की ओर जाने वाली सड़क की ओर मुड़ने भी नहीं दे रहे हैं। जबकि एक दिन पहले तक लेह के बाहरी इलाकों में लगभग 20 किमी तक जाने-आने पर बंदिशें नहीं थीं।
दिल्ली से आ रहे मीडियावालों के लिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने कोरोना की नई गाइडलाइन भी निकाल दी है। अब जो भी नए जर्नलिस्ट शनिवार के बाद लेह आएंगे उन्हें 7 दिन क्वारैंटाइन किया जाएगा। इससे पहले तक पत्रकारों के लिए ऐसी कोई एहतियात या पांबदी नहीं थी।
मीडिया 20 किमी के दायरे में सिमटा
फिलहाल जितनी भी मीडिया टीमें लेह पहुंची हैं, वो इसके 20 किमी के दायरे में कैद होकर रह गई हैं। आमतौर पर डीसी ऑफिस सरहदी इलाकों में जाने की इजाजत इनर लाइन परमिट के रूप में देते हैं, लेकिन कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन के वक्त से ही ये बंद है।
इसी बीच रविवार से लेह में फुल लॉकडाउन लगाने की भी बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि कल से किसी भी गाड़ी को निकलने नहीं दिया जाएगा। माना जा रहा है ये पाबंदी भी मीडिया के मूवमेंट को रोकने के लिए ही है।