नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ कलाकार सिनेमा जगत में नेपोटिज्म को लेकर सवाल उठा रहे हैं. अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी इस मुद्दे पर कहा था कि सुशांत की फिल्म 'छिछोरे' को एक भी अवॉर्ड नहीं दिया गया था, जबकि फिल्म का प्रदर्शन बेहतरीन था.
वहीं अब अभिनेता अभय देओल ने भी नेपोटिज्म को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने अपनी फिल्म 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' का जिक्र करते हुए इस मामले पर अपना पक्ष रखा है.
अभिनेता अभय देओल ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए अपनी बात कही है. अभय ने अपनी हिट फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा की एक तस्वीर शेयर कर बताया है कि उनके साथ अवार्ड शो में अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था. उनका कहना है कि अक्सर उन्हें और फरहान अख्तर को सहायक अभिनेता की श्रेणी में रखा गया, जबकि ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ को लीड किरदार समझा गया.
अभय ने कहा कि उन्होंने इसके लिए पुरस्कारों का बहिष्कार किया, लेकिन उनके सह-कलाकार फरहान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था. ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबरा तीन दोस्तों के बारे में रोड ट्रिप ड्रामा फिल्म है. जिसमें तीनों दोस्त स्पेन की यात्रा पर जाते हैं. इसी के साथ वहीं, वह अपने डर का सामना करते हैं. इस फिल्म का निर्देशन जोया अख्तर ने किया था. फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी समेत 59वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में दो पुरस्कार जीते थे.