इंदौर. बिना अनुमति राजबाड़ा पर धरना देने वाले कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल रविवार को गिरफ्तारी देने सराफा थाने पहुंचे। कंटेनमेंट एरिया होने के बाद भी यहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता थे। विधायक जीतू पटवारी पर भी केस दर्ज था, लेकिन भोपाल में होने से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई। पुलिस ने तीनों की गिरफ्तारी ली और 29 जून को कोर्ट में पेश होने का नोटिस दिया और रिहा भी कर दिया। थाने पहुंचे 9 कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है।
इनमें सर्वेश तिवारी, देवेंद्र यादव, टंटू शर्मा, रफीक खान, अनवर दस्तक, मुकेश यादव, सन्नी राजपाल, अंसाफ अंसारी, इम्तियाज बेलिम शामिल हैं। इन नेताओं का कहना है कि हम दूर खड़े थे, कोई नारे भी नहीं लगाए न भीड़ जुटाई, फिर भी केस कर दिया। इधर, पुलिस का कहना है कि ये लोग जोन-1 में एक साथ आए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष बाकलीवाल और मुख्य प्रवक्ता भंवर शर्मा ने कहा प्रशासन-पुलिस झूठे मुकदमे लगाना बंद करे। यदि कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गए तो की जेलें कम पड़ जाएंगी।
गुप्ता ने हजारों जुटाए, गिरफ्तारी नहीं, हम कोर्ट जाएंगे : कांग्रेस
कांग्रेस विधायक शुक्ला और शहर कांग्रेस अध्यक्ष बाकलीवाल ने कहा कि प्रशासन दोहरा रवैया अपना रहा है। भाजपा नेता सुदर्शन गुप्ता ने दो दिन पहले आयोजन कर हजारों की भीड़ जुटाई। बिना अनुमति आयोजन किया, उनकी गिरफ्तारी तक नहीं की गई। इतने लोगों की जान मुश्किल में डालने के बावजूद सिर्फ धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया। दूसरी तरफ कांग्रेस के चार लोगों ने धरना दिया, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया, फिर भी केस दर्ज हो गया। हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
शहर में 3.5 फीसदी की दर से निकल रहे पॉजिटिव, यानी इस भीड़ में 52 लोग हो सकते हैं संक्रमित, ये 78 लोगों को और करते संक्रमित
कंटेनमेंट जोन वाले कमला नेहरू नगर में भाजपा नेता सुदर्शन गुप्ता द्वारा जुटाई भीड़ कोरोना फैलने का बड़ा कारण बन सकती है। यहां पहले ही 48 मरीज सामने आ चुके हैं, तीन की मौत भी हो चुकी है।
- करीब 1500 लोगों की भीड़ जुटी। शहर में करीब 3.5% की रेट से मरीज मिल रहे हैं। इस दर से कंटनेमेंट जोन में भीड़ सें 52 पॉजिटिव मरीज सामने आ सकते हैं।
- आईसीएमआर के मुताबिक एक कोरोना मरीज औसत डेढ़ लोगों को संक्रमित कर सकता है। यानी इन 52 मरीजों से 78 और संक्रमित होते। इस तरह भीड़ से 130 लोग संक्रमित हो सकते हैं।
- संक्रमण की तीव्रता अधिक हुई तो एक मरीज 4 लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
- शहर में औसत 4% मौत हो रही है, यानी 130 में से 5 की जान भी जा सकती है।
- आईसीएमआर के साइंटिस्ट व रिसर्च मैनेजमेंट पॉलिसी प्लानिंग के हेड डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव बताते हैं कि वायरस की तीव्रता में कोई कमी नहीं आई है। ऐसे में लोगों की जागरूकता ही उन्हें बचाएगी।
इधर आम आदमी के लिए ऐसी सजाएं और जुर्माना?
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 263 लोगों पर जुर्माना लग चुका है, इसमें एक भी नेता नहीं है।
- लॉकडाउन तोड़ने पर 70 लोगों को पुलिस ने सांवेर रोड खुली जेल भेजा।
- निगम ने मास्क नहीं पहनने पर शहर में 1556 लोगों के चालान काट डाले।
- कन्फेक्शनरी कारोबारी का बेटा गरीबों को खाना बांटने निकला था। लग्जरी कार सवार युवक से उठक-बैठक लगवाई।
- मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव बिना मास्क के निकले तो द्वारकापुरी पुलिस ने तपती धूप में सड़क पर बैठा दिया।
- बीएमडब्ल्यू से जूनी इंदौर क्षेत्र से जा रहे दो कारोबारी भाइयों से माफी मांगने के बावजूद उठक-बैठक लगवाई।
तमाशे बंद कीजिए, अफसर घुटनों पर हैं, जनता नहीं
- जनता के भले का वादा कर चुनाव लड़ने-जीतने वाले प्रिय नेताजी। आपको अपनी जान की परवाह नहीं है! कोई बात नहीं। हमें चलेगा। लेकिन इंदौर में अभी सबकी जान एक-दूसरे पर टिकी है। सोशल डिस्टेंसिंग रखना आपके लिए जरूरी हो न हो, लेकिन आपका ऐसा करना जनता के लिए जरूरी है।
- हमें आपकी चिंता नहीं है। क्योंकि दो दिन की हरकतों के बाद आप अब इस लायक नहीं रह गए हैं। चिंता भूख की मजबूरी के चलते आपके कहने से कंटेनमेंट एरिया में आ गए हजारों लोगों की है। प्रशासन घुटनों पर है। लोगों की जान खतरे में डालने के बावजूद ‘प्रतिबंधात्मक’ कार्रवाई ही कर पाया। लेकिन जनता लाचार नहीं है। दूसरे दल के नेता भी समझ लें कि आपकी गिरफ्तारी से किसी को कोई सहानुभूति नहीं है। कारण सीधा सा है। अभी दूरियां जरूरी हैं। बंद कीजिए यह सब और अपने-अपने घर में बैठे रहिए। इसी में हम सबका भला है और आपका भी।