पेरिस. फ्रांस की राजधानी पेरिस में मंगलवार शाम 19 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया। बीएफएम टेलीविजन ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि 2016 में पुलिस हिरासत में 24 साल के अश्वेत युवक एडामा ट्राओर की मौत हो गई थी। उसे इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार शाम हजारों लोगों ने पेरिस कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया। पुलिस ने मंगलवार को सुबह ही घोषणा की थी कि प्रदर्शन के लिए मंजूरी नहीं ली गई है। यहां कोरोनावायरस के कारण 10 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ और ‘आई कांट ब्रिथ’ जैसे स्लोगन लिखे हुए थे। पेरिस में मंगलवार शाम प्रदर्शन बाद में हिंसक हो गया। कुछ लोगों ने आसपास आगजनी की और रिंग रोड को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया। अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पिछले हफ्ते पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इसके विरोध में अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
24 साल के अश्वेत की कैसे मौत हुई?
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, ट्राओर को पहचान पत्र पर विवाद के मामले में जुलाई 2016 में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस स्टेशन ले जाए जाने के दौरान वाहन में ही वह बेहोश हो गया था। वहीं, थाने में उसकी मौत हो गई थी। कई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि ट्राओर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
परिवार का आरोप- दम घुटने से जान गई थी
जांचकर्ताओं ने उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराए गए तीन पुलिस अफसरों को दोषमुक्त कर दिया था। उनपर आरोप था कि उन्होंने 24 साल के अश्वेत युवक को गिरफ्तार करने में काफी सख्ती दिखाई थी। इसके चलते युवक को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। उसके परिवार ने भी कहा था कि पुलिस के सख्त कार्रवाई के चलते ट्राओर की दम घुटने से जान गई थी।