नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। 54 दिन में यह उनका पांचवां देश के नाम संदेश होगा। पहली बार उन्होंने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था। इस बार वे लॉकडाउन के चौथे फेज पर बातचीत कर सकते हैं। इससे पहले सोमवार को उन्होंने देश के मुख्यमंत्रियों से करीब 6 घंटे बातचीत की थी।
लॉकडाउन 4.0 संभव: पाबंदियां कम, रियायतें बढ़ेंगी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्रियों से 15 मई तक यह बताने को कहा है कि वे अपने राज्य में कैसा लॉकडाउन चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के साथ 6 घंटे चर्चा की। 7 राज्यों महाराष्ट्र, बिहार, पंजाब, तेलंगाना, प. बंगाल, हिमाचल और असम ने लॉकडाउन बढ़ाने की पैरवी की। वहीं, बिहार, तेलंगाना और तमिलनाडु ने ट्रेनें चलाने पर सवाल उठाए। गुजरात ने लॉकडाउन सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक सीमित रखने की बात कही।
- मोदी ने कहा, 'हम अर्थव्यवस्था खोलने पर काम कर रहे हैं। अभी हमारी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना का संक्रमण गांवों तक ना पहुंचे। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि आप मुझे एक विस्तृत योजना बनाकर दें कि अपने राज्यों में आप लॉकडाउन पीरियड से कैसे निपटेंगे। मैं चाहता हूं कि राज्य एक ब्लू प्रिंट बनाएं जिसमें लॉकडाउन और उसमें धीरे-धीरे राहत दिए जाने के दौरान उन सभी बारीकियों का जिक्र हो, जिनका सामना राज्यों करना होगा।'
कोरोना पर अब तक मोदी के 4 संदेश
- पहला: प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और जनता कर्फ्यू लगाने की बात कही थी। 22 मार्च को देशभर में सबकुछ बंद रहा। शाम को लोगों ने घरों के अंदर से ही कोरोना फाइटर्स का ताली और थाली बजाकर आभार जताया था।
- दूसरा: मोदी ने 24 मार्च को संबोधित किया और कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लोग घरों में रहने की लक्ष्मण रेखा का पालन करें।
- तीसरा: प्रधानमंत्री मोदी ने 3 अप्रैल को एक वीडियो संदेश जारी किया। इस दौरान लोगों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर घरों में दीये, मोमबत्ती और मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता दिखाने की अपील की थी।
- चौथा: प्रधानमंत्री मोदी 14 अप्रैल को एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर जोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के ज्यादातर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया।