भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 80 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं। वहीं, 21 हजार स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे हैं। मई में जारी की गई भारत की शिक्षा रिपोर्ट 2021 मप्र में स्कूली शिक्षा व्यवस्था का हाल बताती है। इसमें उल्लेख है कि प्रदेश के स्कूलों में 80 हजार से अधिक शिक्षकों की जरूरत है। इनमें 54 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं।
हालांकि, प्रदेश में चार साल तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चली, लेकिन शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो पाई। 2018 में भाजपा सरकार ने मप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-1 व वर्ग-2 का आयोजन किया। वहीं, कांग्रेस की सरकार ने भर्ती के लिए अगस्त व अक्टूबर 2019 में परीक्षा परिणाम घोषित किया। इसमें 40 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी, लेकिन विभाग ने साढ़े 20 हजार पद ही स्वीकृत किए और यह प्रक्रिया चार साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई। अब भी उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षकों के करीब 20 हजार पदों पर भर्ती होने के बाद भी 60 हजार पद खाली रह गए। हालांकि पात्र अभ्यर्थी इतने कम पदों पर की गई भर्ती से संतुष्ट नहीं हैं और चार साल से पदवृद्धि की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन शासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
उप्र और बिहार भी मप्र से बेहतर
शिक्षा रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के स्कूलों का हाल उत्तर प्रदेश और बिहार से भी खराब है। मप्र में करीब 21 हजार स्कूलों में एक-एक शिक्षक हैं। इनमें 93 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल हैं। वहीं, उप्र में 17 हजार और बिहार में साढ़े तीन हजार स्कूलों में एक-एक शिक्षक हैं।
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से प्राथमिक भर्ती की प्रक्रिया शुरू होगी
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने निर्देश दिए हैं कि स्कूल शिक्षा विभाग के सात हजार 429 और जनजातीय कार्य विभाग के 11 हजार 98, इस प्रकार कुल 18 हजार 527 पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस सत्र के अंत तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती कर ली जाएगी।
उधर, शिक्षक पात्रता संघ के अभ्यर्थियों ने शनिवार को डीपीआइ आयुक्त को पद वृद्धि की मांग करते हुए ज्ञापन दिया। संघ के रंजीत गौर ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग पद वृद्धि करते हुए उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक के साथ द्वितीय काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं। साथ ही प्राथमिक शिक्षक के 51 हजार पदों पर भर्ती की मांग कर रहे हैं।
10 अक्टूबर 2018 को विज्ञापन जारी हुआ।
- 1 से 11 फरवरी 2019 तक चली उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा।
- 16 फरवरी से 10 मार्च 2019 तक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई।
- 28 अगस्त 2019 में उच्च माध्यमिक शिक्षक का रिजल्ट आया।
- 26 अक्टूबर 2019 को माध्यमिक शिक्षक का रिजल्ट आया।
- एक जुलाई 2020 से शिक्षक भर्ती के लिए सत्यापन प्रक्रिया शुरू हुई।
- अक्टूबर 2021 में शिक्षकों की नियुक्ति आदेश जारी हुआ।
साढ़े पांच लाख : उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए कुल आवेदन -
- 43,723 : पात्रता परीक्षा में क्वालिफाई उम्मीदवार
- 15,000 पद : उच्च माध्यमिक शिक्षक
2,16,240 : पात्रता परीक्षा में क्वालिफाई उम्मीदवार
5670 पद : माध्यमिक शिक्षक
प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद- 80 हजार
उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती- 20 हजार
अब भी खाली रिक्त पद - 60 हजार
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए 2020 में अवेदन- नौ लाख 37 हजार उम्मीदवार
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा- 5 से 26 मार्च 2022
पात्रता परीक्षा में क्वालिफाई उम्मीदवार- डेढ़ लाख
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-18,527 पद (अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से प्रक्रिया शुरू होगी)
स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के बाद अक्टूबर से प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
-इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री