झाबुआ । झाबुआ में पालिटेक्निक कालेज के छात्रों से एसपी अरविंद तिवारी की मोबाइल पर बातचीत का ऑडियो वायरल होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल एक्शन ले लिया। मुख्यमंत्री ने सोमवार सुबह अपने निवास कार्यालय पर बैठक के दौरान मुख्य सचिव व डीजीपी को निर्देश दिया कि जिस भाषा मे एसपी छात्रों से बात कर रहे थे, वह अत्यंत ही आपत्तिजनक है और उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए। इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ने झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को भी हटा दिया। रविवार को क्षेत्र के दौरे के दौरान उन्हें कई शिकायतें मिलीं थी। इस आधार पर कलेक्टर पर कार्रवाई की गई है। इनकी जगह पर रजनी सिंह उईके को कलेक्टर झाबुआ बनाया गया है।सीएम के निर्देश के बाद सोमवार दोपहर झाबुआ के पुलिस अधीक्षक अरविंद तिवारी को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले गृह विभाग ने उन्हें झाबुआ एसपी पद से हटाकर राजधानी के पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर पदस्थ करने का आदेश दिया था। बाद में ऑडियो की जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएम ने सीधे सस्पेंड करने के निर्देश दिए। ऑडियो की लैब में कराई जांच में एसपी अरविंद तिवारी की आवाज प्रमाणित पाई गई थी।
दरअसल झाबुआ के पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्रों के दो समूह के बीच विवाद हुआ था। मामला मारपीट से खूनी संघर्ष तक पहुंच गया था। जब छात्रों को जान का खतरा हुआ तो वे झाबुआ थाने रविवार रात को पुलिस से मदद मांगने के लिए पहुंचे। इस दौरान एक छात्र ने झाबुआ एसपी तिवारी से मोबाइल पर बातचीत की ।
मदद मांगने पर छात्रों से यह बोले एसपी
छात्र ने एसपी से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि उनके कॉलेज में छात्रों के समूह ने कब्जा कर लिया है। बेल्ट व हथियार जमा कर रखे है। उन्हें डराया व धमकाया जा रहा है। उनकी जान को खतरा है। वे वापस कॉलेज नहीं जा सकते क्योंकि डर लग रहा है। उन्हें सुरक्षा दी जावे। इसके जवाब में एसपी छात्रों से सहानुभूति जताने की बजाए गाली-गलौच करने लगे। साथ ही छात्र को थाने में जूते मारकर बंद करने की बात भी कही। जब छात्र ने कहा कि वे 40 छात्र हैं, तो एसपी ने कहा दिया कि 40 को ही थाने में बंद कर देंगे। थाने से अच्छी सुरक्षा कही नही मिल सकती है।
यह सुनकर छात्र मन मसोसकर रह गए, लेकिन इस बीच उसने मोबाइल पर पूरी बातचीत रिकार्ड कर ली थी। उसने ऑडियो अपने कुछ दोस्तों को भेजा। देखते ही देखते वह ऑडियो वायरल हो गया। झाबुआ से भोपाल के सत्ताधीशों तक जा पहुंचा। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी सुन लिया। एसपी की भाषा शैली मुख्यमंत्री को जरा भी रास नही आई। उन्होंने सोमवार को निर्देश दे दिए कि झाबुआ एसपी को तत्काल हटाया जाए। इस तरीके से बात करना घोर आपत्तिजनक है।