मंत्रालय में कामकाज और एम्स में कोरोना मरीजों पर नई दवा का ट्रायल शुरू, 4 मई से लॉकडाउन में बड़ी राहत मिल सकती है

Posted By: Himmat Jaithwar
4/30/2020

भोपाल. लॉकडाउन का दूसरा चरण खत्म होने में महज 4 दिन बचे हैं। इससे पहले गुरुवार से कामकाज शुरू हो गया। उधर, भोपाल एम्स में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा का कोरोना संक्रमितों पर ट्रायल शुरू हो गया है। तीन मरीजों को दवा का पहला डोज दिया गया है। प्रदेश में अलग-अलग जिलों से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमितों की संख्या 2619 हो गई है। 514 मरीज ठीक हो चुके हैं। 133 लोगों की जान गई। इंदौर में 1485, भोपाल में 511 लोग कोरोना पॉजिटिव हैं। 133 लोगों की मौत हो चुकी है।

उधर, केंद्र सरकार ने बुधवार को लॉकडाउन में लगी पाबंदियों में बड़ी ढील का ऐलान किया। 36 दिन से देशभर में फंसे मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और अन्य लोगों को घर लौटने की छूट मिल गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 मई से लॉकडाउन में बड़ी राहत देने की घोषणा की है।

राज्य सरकार ने भी तैयारी शुरू की

राज्य सरकार ने भी लॉकडाउन से बाहर आने की योजना बनानी शुरू कर दी है। इंदौर, उज्जैन में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है, जबकि भोपाल, धार, खरगोन और होशंगाबाद के कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर बाकी जगह कामकाज में ढील दी जाएगी। ग्रीन जोन के 25 जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी इलाकों में भी गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। यहां ऑफिस और फैक्ट्रियों में मेनपॉवर 33 से बढ़ाकर 50 फीसदी करने की तैयारी है। स्कूल, कॉलेज, कोचिंग्स, धार्मिक स्थल, मैरिज हॉल, सिनेमा, शॉपिंग मॉल, बस अड्‌डे, शराब दुकानें और बड़े बाजार खोलने पर 3 मई के बाद ही फैसला होगा।

भोपाल के बरखेड़ी इलाके में पुलिस का सख्त पहरा है। ऐसे में लोग रेलवे ट्रैक से निकल कर आ रहे हैं। पुलिसकर्मी ने यहां से एक महिला को घर वापस भेजा।

मंत्रालय में केंद्र की गाइडलाइन का पालन हो रहा
लॉकडाउन के कारण बंद रहे मंत्रालय, सतपुड़ा भवन और विंध्याचल भवन में 38 दिन बाद गुरुवार से कामकाज शुरू हो गया। हालांकि कार्यालयों में रोस्टर के हिसाब से सिर्फ 30% अधिकारी और कर्मचारियों को बुलाया गया है। बाकी कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। 23 मार्च से प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी ही दफ्तर पहुंच रहे हैं। सभी कार्यालयों को केंद्र की गाइडलाइन का पालन करने, ऑफिस को नियमित रूप से सैनिटाइज करने और कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजर और हैंडवॉश उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय में वाहन चालकों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा।

ऑफिस में कामकाज के लिए ये है गाइडलाइन

  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन।
  • कर्मचारियों को मास्क पहनना होगा।
  • सैनिटाइजर और हैंडवॉश की व्यवस्था।
  • ऑफिस आते-जाते समय सभी की थर्मल स्कैनिंग होगी।
  • बाहरी लोगों का आना प्रतिबंधित रहेगा।
  • कार्यालय में गुटखा, तंबाकू लाना और खाना प्रतिबंधित रहेगा।
  • मीटिंग में अधिकारी एक-दूसरे से कम से कम 6 फीट की दूरी पर बैठेंगे।
  • लिफ्ट में क्षमता के हिसाब से दो या चार लोग ही जाएंगे।

एम्स में कोरोना मरीजों पर नई दवा का ट्रायल शुरू हुआ

एम्स भोपाल में कोरोना संक्रमितों पर माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (एमडब्ल्यू) दवा के ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुवार सुबह एम्स के आईसीयू में भर्ती तीन गंभीर मरीजों को पहला डोज दिया गया। हर मरीज को इंजेक्शन के रूप में एमडब्ल्यू दवा के 3 डोज दिए जाएंगे। इस दवा का वैक्सीन के रूप में पहले भी ट्रायल हो चुका है। लंग कैंसर, कुष्ठ, टीबी और निमोनिया जैसी बीमारियों के इलाज में इसके परिणाम सकारात्मक रहे थे। इस दवा का इंसानों पर कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और मरीज ठीक हो जाता है।

गुना में लॉकडाउन में छूट मिलते ही किसान अपनी फसल बेचने के लिए मंडी आने लगे हैं।

कोरोना अपडेट्स  

  • मध्य प्रदेश के बाहर फंसे 20 हजार श्रमिक अब तक वापस लाए जा चुके हैं। बुधवार को जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर से 200 बसों से श्रमिकों को लाया गया। गुजरात से भी 500 लोग लाए गए। इनके अलावा रोज 2 से 3 हजार श्रमिक पैदल आ रहे हैं। इधर, राजस्थान के श्रमिकों को भी वापस भेजा। अब तक 30 हजार श्रमिकों को उनके गृह स्थान पहुंचाया गया है। 30 अप्रैल को राजस्थान से करीब 7 हजार और उप्र से 3 हजार श्रमिक लाए जाएंगे। गोवा से भी 1600 श्रमिकों को लाने की तैयारी है।
  • भोपाल: कोरोना संक्रमण के कारण रेड जोन में शामिल 52 वार्डों में से 13 वार्ड आगामी 3 मई के बाद ऑरेंज जोन में बदल सकते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने इन 52 वार्ड में पिछले 14 दिन के भीतर मिले पॉजिटिव मरीजों के डेटा का एनालिसिस शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन की 24 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक रेड जोन में शामिल 13 वार्ड ऐसे हैं, जहां पिछले दो सप्ताह में कोरोना का सिर्फ एक-एक नया पॉजिटिव मरीज मिला। 3 मई तक अगर इन वार्ड में कोरोना का नया मरीज नहीं मिला, तो इन सभी 13 वार्ड को रेड जोन से बाहर किया जा सकता है।
  • हमीदिया अस्पताल के ट्रामा सेंटर के तीसरे, चौथे और पांचवें मंजिल को कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। यहां तीनों फ्लोर पर 350 बेड कोविड-19 के पेशेंट के लिए रिजर्व होंगे। यहां तीन शिफ्टों में 65 डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी होगी। इसमें पल्मोनरी, मेडिसिन और एनस्थिसिया के तीन सीनियर डॉक्टर्स के साथ तीन जूनियर डॉक्टर्स रहेंगे। 10 दिन की ड्यूटी के बाद ये पूरा स्टाफ क्वारैंटाइन हो जाएगा। अटेंडर्स की दिन में एक बार वीडियो कॉल पर उनके मरीजों से बात कराई जाएगी। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन टैब खरीदेगा। प्रबंधन ने तय किया है कि कोविड-19 वार्ड में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों के भोजन और पानी के लिए अलग प्रबंध होगा। इन्हें पैक्ड भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
  • इंदौर: नगर निगम की घर-घर सब्जी पहुंचाने की योजना 2 मई से शुरू होगी। लोगों को इसका ऑर्डर किराना वालों को देना होगा, उसी दिन से डिलीवरी मिलेगी। 4 किलो के पैकेट में 8 तरह की सब्जियां होंगी, जिसका रेट 150 रुपए रहेगा। खंडवा रोड पर 7 स्थानों पर इनकी पैकिंग के बाद अल्ट्रावॉयलेट किरणों से सैनिटाइजेशन होगा। पैकेट में मिर्ची-200 ग्राम, अदरक-100 ग्राम, धनिया-200 ग्राम, नींबू-2, लौकी/गिलकी-1 किलो, भिंडी-500 ग्राम, टमाटर-1 किलो, सीजनल सब्जी 1 किलो (बैंगन, पालक, ककड़ी, गाजर, गोभी) होगी।

पत्नी का चेहरा झुलसा, ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल मिलने नहीं जा सका

इंदौर के लसूड़िया थाने में पदस्थ कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह ने बताया कि 25 अप्रैल को उनकी बेटी का जन्मदिन था। उसने मां से दाल-बाटी बनाने को कहा। खाना बनाते समय गैस भभक गई और पत्नी का चेहरा झुलस गया, लेकिन वे उन्हें देखने घर नहीं जा सके। दरअसल, धीरेंद्र कोरोना महामारी के बीच ड्यूटी पर हैं। संक्रमण का खतरा होने की वजह से उन्हें धर्मशाला में ठहराया गया है। 

इंदौर के लसूड़िया थाने पदस्थ कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह बेटी के जन्मदिन पर खाना बनाते समय पत्नी का चेहरा झुलस गया।
इंदौर के लसूड़िया थाने में पदस्थ कांस्टेबल धीरेंद्र सिंह की पत्नी खाना बनाते समय गैस भभकने से झुलस गईं।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक संक्रमितों की संख्या 2560: इंदौर 1476, भोपाल 483, उज्जैन 127, जबलपुर 78, खरगोन 70, धार 48, खंडवा 46, रायसेन 47, होशंगाबाद 35, बड़वानी 24, देवास 24, मुरैना, विदिशा और रतलाम में 13-13, आगर मालवा 12, मंदसौर 9, शाजापुर 6, सागर और छिंदवाड़ा 5-5, ग्वालियर और श्योपुर 4-4, अलीराजपुर 3, शहडोल, रीवा  शिवपुरी और टीकमगढ़ 2-2, बैतूल, डिंडोरी, हरदा, बुरहानपुर, अशोकनगर एक-एक संक्रमित मिला। अन्य राज्य के 2 मरीज हैं।

  • अब तक 130 की मौत: इंदौर 65, उज्जैन 23, भोपाल 14, खरगोन और देवास में 7-7, खंडवा 3, रायसेन, होशंगावाद और मंदसौर 2-2, धार, जबलपुर, आगर मालवा, छिंदवाड़ा, अशोकनगर में एक-एक की मौत हो गई।
  • स्वस्थ्य हुए 461 मरीज: इंदौर 177, भोपाल 162, मुरैना और विदिशा 13-13, खरगोन 22, खंडवा 12, बड़वानी और होशंगाबाद 14-14, जबलपुर 7, उज्जैन 5, देवास 6, शाजापुर 4, ग्वालियर, श्योपुर 4, छिंदवाड़ा और शिवपुरी 2-2, रायसेन और सागर में एक-एक मरीज स्वस्थ हुआ। (स्वास्थ्य विभाग द्वारा 29 अप्रैल को जारी बुलेटिन के अनुसार)



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