नई दिल्ली। लॉक डाउन के कारण देश भर के तमाम कारोबार को भले ही कितना भी नुकसान हुआ हो लेकिन अमूल के नाम से दुग्ध उत्पाद बनाने वाली गुजरात सरकार की सहकारी संस्था GCMMF काफी फायदे में है। GCMMF ने अपने उत्पादों के दाम घटा दिए जिसके चलते उसकी बिक्री बढ़ गई। अमूल की बिक्री में करीब 20 से 35% तक की बढ़ोतरी का अनुमान है। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आर.एस. सोढी ने कहा कि मक्खन, घी, पनीर और दूध पाउडर की बिक्री में वृद्धि हुई है लेकिन आइसक्रीम की बिक्री में 85% की कमी आई है।
उन्होंने कहा, किसानों से दूध की खरीद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है क्योंकि असंगठित क्षेत्र के द्वारा खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिशेष दूध को स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के निर्माण के लिए संसाधित किया जा रहा है, जिसकी कीमत लॉकडाउन से पहले 320 रुपये से 250 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। सोढ़ी ने कहा कि घरों में दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की होने वाली खपत बढ़ने की उम्मीद है। इससे लॉकडाऊन के दौरान होटल, रेस्तरां और कैफेटेरिया के बंद होने की वजह से बिक्री में जो कमी आई है उसकी भरपाई भी हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 का खाद्य उत्पादों की मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस महीने मूल्य के संदर्भ में हमारी बिक्री पिछले साल के इसी महीने के बराबर ही है। कुछ उत्पादों की मांग में कमी आई है लेकिन कई उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है। वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान जीसीएमएमएफ का कारोबार 17 प्रतिशत बढ़कर 38,550 करोड़ रुपये का हो गया।
आइसक्रीम की मांग में 85 प्रतिशत की कमी
दूध कारोबार की मौजूदा स्थिति के बारे में सोढ़ी ने कहा, धीरे-धीरे चीजें सामान्य होने लगी हैं। बिक्री के बारे में, उन्होंने कहा कि ताजा दूध की मांग में आठ प्रतिशत तक की गिरावट आई है क्योंकि होटल और रेस्तरां बंद हैं। होटल, रेस्तरां और कैफेटेरिया खंड में कुल मांग का 12-15 प्रतिशत का योगदान है, लेकिन, ताजा दूध और मक्खन दूध की घरेलू खपत में वृद्धि के कारण गिरावट का स्तर कम है। हालांकि, उन्होंने बताया कि आइसक्रीम की मांग में 85 प्रतिशत की तेज गिरावट आई है, जबकि क्रीम और मोजेरेला चीज़ की बिक्री में क्रमशः 70 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की गिरावट है।