भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को संकट में डालने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है। यह प्रकरण मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW द्वारा दर्ज किया जा सकता है।
फाइलों में दबी 2014 में हुई शिकायतों को बाहर निकाला
मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ 2014 में कार्रवाई के लिए प्रस्तुत की गई 2 शिकायतों को बाहर निकाला गया है। इन दोनों शिकायतों को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने जांच के बाद क्लोज कर दिया था। इसका अर्थ होता है कि शिकायत झूठी पाई गई थी। परंतु एक बार फिर उस फाइल को खोला गया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने प्रेस को जारी एक सूचना में बताया कि शिकायतकर्ता सुरेंद्र श्रीवास्तव में 2014 में 2 शिकायतें की थी। पहली शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं उनके परिवार ने उनकी जमीन को नापतोल में काट छांट कर 6000 स्क्वायर फीट कम कर दिया। सुरेंद्र श्रीवास्तव ने सिंधिया परिवार से जमीन खरीदी थी। दूसरी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महलगांव में सरकारी जमीन सर्वे क्रमांक 1217 को प्रशासन के सहयोग से बेच दिया है। EOW का कहना है कि शिकायतकर्ता एक बार फिर ऑफिस आया और उसने दोनों शिकायतों की जांच के बाद उन्हें क्लोज किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई इसलिए दोनों शिकायतों की फाइल फिर से खोली जा रही है।