पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिलहाल किसी भी चुनाव में दावेदारी पेश नहीं करेंगी। उन्होंने कहा है कि वे खुद जब तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी, जब तक जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता। महबूबा ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को इस बात पर फोकस करना चाहिए कि राज्य के लोगों के साथ दिल की दूरी कैसे मिटाई जाए?
पार्टी फैसला करेगी
महबूबा ने कहा, 'मैंने कई बार स्पष्ट किया है कि मैं केंद्रशासित प्रदेश के तहत कोई चुनाव नहीं लड़ूंगी, लेकिन साथ ही मेरी पार्टी इस तथ्य से भी अवगत है कि हम किसी को राजनीतिक स्थान नहीं लेने देंगे। हमने पिछले साल जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ा था। इसी तरह अगर विधानसभा चुनाव की घोषणा होती है तो पार्टी बैठकर चर्चा करेगी।'
दमन के युग को खत्म करना होगा
महबूबा ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने करने के लिए 5 अगस्त 2019 को पारित किए गए आदेशों को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ रिश्ते बेहतर करने होंगे। सेंट्रल लीडरशिप को उनके दर्द को समझना होगा। इसके लिए पारित सभी कठोर आदेशों पर अमल को रोकना होगा। आजकल जम्मू-कश्मीर में दमन का युग है। इसे खत्म करना होगा।
केंद्र से पूछा सवाल
उन्होंने सवाल किया कि जिस किसी को भी किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत होती है, उसे ऐहतियाती हिरासत में डाल दिया जाता है। ट्विटर पर वास्तविक भावनाओं को उजागर करने से आपको जेल हो जाती है। क्या इसे ही लोकतंत्र कहा जाता है? इस तरह की कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाने और लोगों को खुलकर सांस लेने देने की तत्काल जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
इससे पहले 24 जून को जम्मू-कश्मीर पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इसमें जम्मू-कश्मीर के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। इसमें शामिल महबूबा ने इस बात पर जोर दिया था कि विश्वास बहाली के कई उपाय करने की जरूरत है। इनमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों के पर्यटन और व्यापारिक समुदाय को राहत प्रदान करना शामिल है।