मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, पूनावाला और कई अन्य भारतीय अमीरों की नेटवर्थ में महामारी के बावजूद साल 2020 में उछाल देखने को मिली थी। हालांकि डॉलर की तुलना में रुपए में हालिया गिरावट का असर इनकी संपत्ति पर दिखा है। देश के इन सुपर रिच की कुल संपत्ति 4.4% की गिरावट के साथ 12.83 लाख करोड़ डॉलर हो गई।
करोड़पतियों की संख्या घट कर 6.98 लाख हुई
क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करोड़पतियों की संख्या 2019 में 7.64 लाख से घटकर 6.98 लाख हो गई। उनकी कुल संपत्ति 12.83 लाख करोड़ डॉलर रही है। यानी इसमें पिछले साल 595 अरब डॉलर की गिरावट आई है। रिपोर्ट का अनुमान है कि साल 2025 तक इनकी संख्या में 81.8% की बढ़त होगी और यह 13 लाख पर पहुंच जाएगी।
14,252 डॉलर रही औसत संपत्ति
रिपोर्ट कहती है कि हर एडल्ट भारतीय की संपत्ति साल 2020 में औसत रूप से 14,252 डॉलर रही है। यह साल 2000 से सालाना 8.8% की औसत दर से बढ़ी है। जबकि ग्लोबल एवरेज 4.8% का रहा है। देश में 4,320 अल्ट्रा हाई नेटवर्थ यानी अमीरों में अमीर लोग हैं। इनमें से प्रत्येक की नेटवर्थ 5 करोड़ डॉलर से ज्यादा है।
अंबानी ने हर घंटे कमाए 90 करोड़ रुपए
देश की सबसे बड़े कॉर्पोरेट हाउस रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने साल 2020 में हर घंटे 90 करोड़ रुपए कमाए हैं। यानी पूरे साल में 2 लाख 77 हजार 700 करोड़ रुपए उनकी कमाई रही है। इससे उनकी कुल संपत्ति 6 लाख 58 हजार 400 करोड़ रुपए हो गई है। अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी की संपत्ति साल 2020 में 1.19 लाख करोड़ रुपए बढ़ कर 5 लाख करोड़ रुपए हो गई थी।
अमीरों की संपत्तिय 28.7 लाख करोड़ डॉलर बढ़ी
दुनिया भर के अमीरों की संपत्ति में 28.7 लाख करोड़ डॉलर की उछाल आई है। यह 418.3 लाख करोड़ डॉलर रही है। क्रेडिट सुइस ने कहा है कि पूरी दुनिया में मिलिनेयर्स की संख्या 52 लाख बढ़ कर 5.61 करोड़ हो गई है। अमीरों में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ ग्रुप तेजी से बढ़ा है। इसमें 24% की बढ़त हुई है। यह 2003 के बाद से सबसे ज्यादा बढ़त रही है। जिन लोगों की संपत्ति 10 हजार से लेकर 1 लाख डॉलर रही है, उनकी संख्या में साल 2000 के बाद से ज्यादा तेजी दिखी है। ऐसे लोगों की संख्या साल 2000 में 50.7 करोड़ थी जो 2020 के मध्य तक 1.7 अरब हो गई। यानी तिगुना की बढ़त हुई है।
कोरोना के बाद सरकारों ने उठाया कदम
क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में लोगों की संपत्तियों में इसलिए इजाफा हुआ क्योंकि कोरोना के असर के बाद सरकारों और उनके केंद्रीय बैंक ने चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाया। पूरी दुनिया की संपत्ति 7.4% बढ़ी है। हालांकि कोरोना का असर 2020 की पहली तिमाही में कम समय के लिए सभी वैश्विक बाजारों पर दिखा था। इससे जनवरी से मार्च 2020 के दौरान पूरी दुनिया में लोगों की संपत्ति में 17.5 लाख करोड़ डॉलर की कमी देखी गई। जून के बाद से इसमें सुधार देखा गया।
418.3 लाख करोड़ डॉलर हुई संपत्ति
रिपोर्ट कहती है कि इसके बाद 28.7 लाख करोड़ डॉलर का इजाफा देखा गया और यह बढ़ कर 418.3 लाख करोड़ डॉलर हो गया। उत्तरी अमेरिका में लोगों की संपत्ति में 12.4 लाख करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ, जबकि यूरोप के लोगों में 9.2 लाख करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ। चीन के लोगों की संपत्ति में 4.2 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति बढ़ी जबकि एशिया में चीन और भारत को छोड़ कर 4.7 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति बढ़ी।
लैटिन अमेरिका सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश रहा है। यहां के लोगों की संपत्ति में 11.4% की कमी देखी गई। यानी 1.2 लाख करोड़ डॉलर की गिरावट आई है। रिपोर्ट का अनुमान है कि साल 2025 तक ग्लोबल संपत्तियों में 39% की बढ़त आएगी। जबकि मिलिनेयर्स की संख्या बढ़ कर 8.4 करोड़ हो जाएगी।