दुनिया में दो ऐसी चीजें है जो जितना मिले वह कम लगता है एक धन और दूसरी आयु। इनमें भी आयु से बढ़कर कुछ भी नहीं है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भले ही आत्मा के महत्व को बताया है लेकिन यह भी सत्य है कि जो जीवन हमें मिला है उसे सुरक्षित रखा जाए क्योंकि इस शरीर से जो कर्म हो सकते हैं वही हमारे आने वाले अन्य जन्मों के लिए मार्ग भी बनाते हैं। क्योंकि एक बार शरीर छूट जाने के बाद फिर दुनिया के सारे नाते, सुख समाप्त हो जाते हैं और फिर आत्मा को अनंत सफर पर नए शरीर की प्राप्ति के लिए इंतजार करना पड़ता है।
1) अल्पायु से दीर्घायु बने
वेदों में शरीर की रक्षा और लंबी आयु के लिए कई उपाय बताए गए हैं। वेदों में कहा गया है कि मनुष्य भले ही अपनी आयु लिखवाकर लाता है लेकिन अपने कर्मों से उसे कम और ज्यादा भी कर सकता है। ऋषि मार्कण्डेय अल्पायु पैदा हुए थे लेकिन अपने कर्मों से दीर्घायु हो गए। आप भी वेदों में बताए कुछ उपायों को आजमाकर चाहें तो अपनी आयु और सुख-समृद्धि में इजाफा कर सकते हैं।
2) सुबह उठकर करना चाहिए यह काम
उदयन्तं भास्करं प्रणमान्ति ये दिने दिने। चत्वारि वर्धते तेषामायुर्विद्यायशे बलम्।।
इस श्लोक में बताया गया है कि जो व्यक्ति हर दिन उगते हुए सूर्य को प्रणाम करता है कई लाभ मिलते हैं जिनमें आयु का लाभ यहां आयु से तत्पर्य केवल उम्र से नहीं है बल्कि आरोग्य से भी है। यानी व्यक्ति को निरोग काया की प्राप्ति होती है। दूसरा व्यक्ति बुद्धि और ज्ञान का विकास होता है। व्यक्ति की प्रतिष्ठा और यश में वृद्धि होती है क्योंकि सूर्य को प्रतिष्ठा का कारक कहा गया है।
3) इतनी देर जरूरी है आराम
जीवन में काम महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ ही विश्राम भी जरूरी है। लंबी आयु के लिए कम से कम हर दिन 6 घंटे का विश्राम जरूर करना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान बहुत जरूरी है कि आप सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विश्राम ना करें। इस समय ध्यान करें और मन को शांत रखने का प्रयास करें। इस समय कुछ भी खाने से भी परहेज रखना चाहिए ऐसा शास्त्रों में कहा गया है।
4) भोजन के बाद सोना बैठना नहीं, करें यह काम
आजकल की जीवन शैली में लोग भोजन करते हैं और काम में लग जाते हैं। रात को भोजन किया और सोने चले जाते हैं। आयुर्वेद में साफ लिखा है कि मनु्ष्य की इस आदत से उम्र कम होती है। लंबी आयु के लिए मनुष्य को चाहिए कि भोजन करने के बाद कम से कम 100 कदम जरूर चले। इस बात को श्लोक के माध्यम से इस तरह कहा गया हैः-
भुक्त्वोपविशत:स्थौल्यं शयानस्य रू जस्थता।
आयुश्चक्र माणस्य मृत्युर्धावितधावत:॥
भोजन करने के बाद तुरंत सो जाने से शरीर स्थलू और सुस्त होने लगता है और धीरे-धीरे शरीर की क्षमताएं और उम्र घटने लगती हैं।