मध्य प्रदेश में काेरोना काबू में आने के बाद एक बार फिर निकाय चुनाव की आहट होने लगी है। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सरकार की मंशा जुलाई में लगभग 7 लाख कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि देने की है। इसके संकेत वित्त विभाग में कर्मचारियों से जुड़े मामलों पर फाइलों के मूवमेंट से मिल रहे हैं। पिछले साल कोरोना संकट की वजह से सरकार ने वेतनवृद्धि रोक ली थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने स्थिति सामान्य होते ही इसका लाभ देने की बात कही थी।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री सचिवालय के मौखिक निर्देश के बाद वित्त विभाग ने कर्मचारियों को वर्ष 2020 की वेतनवृद्धि का एरियर देने की तैयारी भी कर ली है। लेकिन एरियर की राशि कैसे दी जाएगी? यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तय करेंगे। इसी तरह महंगाई भत्ते को लेकर केंद्र सरकार का रुख देखकर निर्णय लिए जाने के संकेत मिले हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब काबू में है। यदि हालात सुधरते गए और सामान्य स्थिति बनती है तो प्रदेश में नगरीय निकाय व पंचायत के चुनाव कराए जा सकते हैं। इसे ध्यान में रखकर अब सरकार विकास पर फोकस करने के साथ ही कर्मचारियों को खुश करना चाहती है। पिछले साल कोरोना की पहली लहर से सरकार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण कर्मचारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि के भुगतान पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वेतनवृद्धि की काल्पनिक गणना करते हुए लाभ दिया गया था।
वित्त विभाग ने मार्च में भेजा था प्रस्ताव
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण नियंत्रित होने पर मार्च 2021 में वित्त विभाग ने वेतनवृद्धि का लाभ देने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो पाया। इस बीच कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इससे मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब जब फिर कोरोना संक्रमण नियंत्रण में आ गया है तो कर्मचारियों को नियमित वेतनवृद्धि देने की तैयारी शुरू हो गई है। अभी तक इसे लेकर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं आई है।
पिछले साल की राशि GPF में जमा कराने की तैयारी
पिछले साल की वेतनवृद्धि का लाभ किस तरह दिया जाएगा, इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर होगा। लेकिन वित्त विभाग एरियर की राशि सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में जमा करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। बता दें कि वेतनवृद्धि मूल वेतन पर 3% दी जाती है। इस प्रकार कर्मचारियों को कुल 6% की वेतन का लाभ दिया जा सकता है।
1 हजार 800 करोड़ का वित्तीय भार
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि वेतन वृद्धि में 1 हजार 800 करोड़ रुपए का भार आएगा। विभाग का मानना है कि केंद्र सरकार जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ा सकती है। उसके आधार पर ही राज्य सरकार अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का निर्णय लेगी।
कमलनाथ सरकार ने बढ़ाया था 5% DA, लेकिन मिला नहीं
प्रदेश के कर्मचारियों को अभी 12% DA (महंगाई भत्ता) मिल रहा है। इसमें 5% वृद्धि कमलनाथ सरकार ने की थी, लेकिन कोरोना संकट की वजह से इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई थी। प्रदेश के कर्मचारियों को 2019 से महंगाई भत्ते की देय किस्त नहीं मिली है। जबकि, केंद्रीय कर्मचारियों को 17% महंगाई भत्ता मिल रहा है।
DA व एरियर को लेकर है गफलत
नीतिगत तौर पर जब भी केंद्र सरकार DA अनाउंस करती है तो राज्य भी उसे अपने कर्मचारियों के लिए लागू करती है। लेकिन प्रदेश में DA और उसके एरियर को लेकर काफी गफलत है। वर्ष 2004 से 2012 के बीच कभी भी प्रदेश के कर्मचारियों को DA का एरियर नहीं दिया गया। यानी केंद्र ने जनवरी से DA दिया तो राज्य के कर्मचारियों को यह लाभ अप्रैल के महीने में मिला। इन तीन महीनों में बढ़े हुए एरियर की राशि कर्मचारियों के खाते में नहीं डाली गई। यह स्थिति लगातार 108 महीनों तक प्रदेश में हुई। इन महीनों के दस हजार करोड़ रुपए का बकाया एरियर कर्मचारियों को तो मिला ही नहीं।
ऐसे तय होता है DA
देश भर के करीब पौने दो करोड़ शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों (केंद्र और राज्यों) का जनवरी और जुलाई के महीने में महंगाई भत्ता कितना बढ़ेगा यह प्राइज इंडेक्स के आधार पर तय होता है। देश भर के 150 जगह के प्राइज इंडेक्स संग्रहित करके इसे तय किया जाता है। मप्र से इन जगहों में भोपाल, मंडीदीप, इंदौर, पीथमपुर, ग्वालियर, मालनपुर, जबलपुर और छिंदवाड़ा (चांदामेटा तथा परासिया) शामिल हैं। इन स्थानों के प्रमुख चिह्नित बाजारों से फुटकर वस्तुएं जो रोजमर्रा के जीवन में लोगों के उपयोग में शामिल हैं, उनकी कीमतें ली जाती हैं। इन कलेक्शन को हर सप्ताह लेबर ब्यूरो शिमला भेजा जाता है।
वहां, कितनी महंगाई बढ़ी, उस हिसाब से DA तय होता है। फिलहाल बेस इयर 2001-2002 को माना गया है। इस साल में फुटकर वस्तुओं की कीमत जीरो तय कर तब से अभी तक बढ़ी महंगाई के हिसाब से मूल्य सूचकांक कितना बढ़ा, यह तय होता है। केंद्र सरकार के द्वारा जनवरी 2020 में 4% महंगाई भत्ता बढ़ाया जाना प्रस्तावित था, यह प्राइज इंडेक्स 3.5% बढ़ने पर तय किया गया था।