मध्यप्रदेश में निजी अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज की फीस दोबारा से तय की हैं। सरकार ने माना है कि लाख कोशिशों के बाद भी मरीजों से ज्यादा फीस ली जा रही है। इस कारण एक समिति बनाकर निजी अस्पतालों पर नकेल करने का प्रयास किया गया है। जनरल वार्ड और आइसोलेशन की फीस प्रतिदिन 5 हजार से ज्यादा नहीं ली जा सकेगी। आईसीयू में वेंटिलेटर की फीस 17 हजार प्रतिदिन तय की गई है।
गैर आयुष्मान योजना हितग्राही श्रेणी के किसी भी हेल्थ एंश्योरेंस /किसी भी द्विपक्षीय अनुबंध/एमओयू और निजी कार्पोरेट समूह या रोगी में शामिल न होने वाले कोविड रोगियों का उपचार दोबारा तय की दरों पर ही किया जाएगा। नई दरें 10 जून से लागू होंगी। हालांकि अभी मरीजों को पहले से तय दर पर ही अस्पताल का बिल चुकाना होगा। अगर किसी नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान में कोविड-19 के उपचार की दरें पुनर्निर्धारित दरों से कम है, तो वे नई दरें निर्धारित नहीं कर सकेंगे।
पुराने मरीजों के लिए इसका लाभ नहीं
सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थान, जिनकी दरें पुनर्निर्धारित दरों से अधिक है, वे 10 जून 2021 के बाद उनके यहां दाखिल होने वाले नए कोविड-19 संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए अपनी दरें पुनर्निर्धारित कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में इलाज करा रहे रोगियों के लिए उपचार पूरा होने तक प्रचलित दरें ही लागू होंगी। किसी भी स्थिति में ऐसी अवधि 10 दिन से अधिक नहीं होगी।
10 दिन में नए सिरे से अनुमति लेना होगा
कोविड-19 संबंधित नर्सिंग होम और चिकित्सा संस्थान की वैद्यता 10 जून तक ही रहेगी। आगे की अवधि के लिए संस्थानों को नए सिरे से जिला कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों को अनिवार्य रूप से अपने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर फीस को स्पष्ट शब्दों में प्रदर्शित करने की व्यवस्था करना होगा, हालांकि पहले से ही इसके आदेश जारी हैं। इसके साथ ही सार्थक पोर्टल पर भी इन दरों का प्रदर्शन सुनिश्चित किया जाएगा।
नर्सिंग होम को रास्ता भी मिलायह शामिल (इन्क्लूजन)
इसमें 1 बेड शुल्क, नर्सिंग शुल्क, इन हाउस कंसलटेशन, इन पेशिएन्ट डाइट, प्रोसीजर्स जैसे कि - राइल्स ट्यूब इनसर्शन, यूरीनरी ट्रेक्ट केथेटराइजेशन, पीपीई किटस, कन्ज्यूमेबल्स, ऑक्सीजन, नेब्यूलाईजेशन, फिजियोथेरेपी, शामिल रहेंगे।
खास बात यह है कि अस्पतालों को इस बात की छूट दे दी है कि वे बाहरी विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं। यह नए रेट में शामिल नहीं हैं। इसके अलावा इलाज के खर्च में जांचों को भी शामिल नहीं किया गया है। यह तय रेट के अलावा होंगी।
पहले 40% बढ़ाया था
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने पिछले वर्ष भी 29 फरवरी 2020 को सभी नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों के लिए कोविड-19 संक्रमित रोगियों की उपचार की दरें निर्धारित की थी। उस समय की दरों में नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों में पूर्व में प्रचलित उपचार और जांच दरों में 40% का इजाफा कर कोविड-19 रोगियों के उपचार की दरें निर्धारित की गई थी।
समिति ने दरें तय कीं
शासन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष के दौरान कोविड-19 संक्रमित रोगियों से नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों द्वारा निर्धारित दरों से अधिक दरों पर उपचार और जांच आदि का शुल्क वसूले जाने की शिकायतें आ रही थीं। फरवरी 2020 में निर्धारित उपचार दरों का पुनरीक्षण किया गया। इसके बाद मई 2021 में एक चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई। इस समिति ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नर्सिंग होम एसोसिएशन, विधिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों और प्रदेश के अनेक निजी चिकित्सकों से नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों का पक्ष जानने के संबंध में विस्तृत चर्चा की।
समिति द्वारा 28 मई 2021 को इस संबंध में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। शासन की मानें तो नए रेट सभी कानूनों, प्रावधानों, नियमों और निर्देशों से प्राप्त शक्तियों के अन्तर्गत किसी भी तरह के स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में शामिल न होने वाले रोगियों से स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, नर्सिंग होम्स और चिकित्सा संस्थानों द्वारा उपचार के विरुद्ध वसूली जा रही अधिक राशि की रोकथाम के लिए निर्धारित की गई हैं।