कोरोना महामारी ने बदल दिया भारत के आर्थिक विकास का नजरिया, आरबीआई ने कहा- मंदी की गिरफ्त में आ सकती है दुनिया

Posted By: Himmat Jaithwar
4/9/2020

कोरोन वायरस के प्रकोप ने आर्थिक सुधार के लिए भारत के दृष्टिकोण को तेजी से बदल दिया है। कोविड -19 के फैलने से पहले 2020-21 को भारत विकास के नजरिए से देख रहा था, अब कोविड -19 महामारी ने इस दृष्टिकोण को काफी बदल दिया है।  पूरी दुनिया पर 2020 में मंदी छाने की आशंका है। यह बातें भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहते हुए लिखा है कि दक्षिण एशिया के विकास के इंजन का इस महामारी ने प्रभावित किया है। 2019 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था छह साल से अधिक समय में अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी और यह 5 फीसद ही रह सकती है, जो एक दशक में सबसे कम होगी।

आरबीआई ने जैसा कि पिछले महीने अपने नीतिगत बयान में कहा था कि स्थिति अत्यधिक अनिश्चित बनी हुई है । इस वजह से जीडीपी ग्रोथ रेट पर कोई अनुमान अभी लगाने से परहेज करना चाहिए। वर्तमान परिवेश को "अत्यधिक तरल" के रूप में वर्णित करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कोविड -19 की तीव्रता, प्रसार और अवधि का आकलन कर रहा है। आरबीआई ने पिछले महीने के अंत में एक आपातकालीन कदम में 75 आधार अंकों की बड़ी उधार दर में कटौती की और घरेलू बाजारों में रुपये और डॉलर की तरलता को बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की।

बता दें कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या 15 लाख के पार हो गई है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब दुनिया के करीब 205 देशों में फैल चुके इस कोरोना के संक्रमण की वजह से अब तक 88500 लोगों की मौत हो गई है और 15 लाख से अधिक (कुल 1518783) लोग संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, दुनियाभर में अब तक करीब सवा तीन लाख से अधिक लोग इस वायरस से ठीक हो चुके हैं।

भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक 5734 लोग इससे संक्रमित हुए हैं, जबकि 166 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक 473 लोग इसके संक्रमण से पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं।



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