खंडवा। असंवैधानिक तरीके से जनसंपर्क अधिकारी बृजेंद्र शर्मा का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव करने वाले खंडवा कलेक्टर पर सरकार ने अब तक एक्शन नहीं लिया गया है। मामला CM शिवराज के संज्ञान में भी है। जनसंपर्क अधिकारी संगठन प्रदेशभर में हड़ताल भी कर चुका है। इधर, लापरवाही के आरोप पर PRO ने कहा कि 29 साल की नौकरी में 50 हजार से ज्यादा समाचार लिखे हैं। कोई अफसर (खंडवा कलेक्टर) कहे कि तुम्हें समाचार लेखन नहीं आता। वहीं, कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर कलेक्टर को हटाने की मांग की है।
खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी के निलंबन के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर चुका जनसपंर्क अधिकारी संगठन अब CM शिवराजसिंह चौहान के निर्णय की राह देख रहा है। संगठन के अनुसार कलेक्टर कैसे जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर रिलीव कर सकता है। यह अन्यायपूर्ण फैसला कलेक्टर की तानाशाही बताता है।
यही नहीं, 22 मई को भोपाल के लिए रिलीव कर चुके कलेक्टर 23 मई को प्रतिवेदन इंदौर कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा को भेजते हैं। कहते हैं कि खंडवा पीआरओ बृजेंद्र शर्मा अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं। मामले में कमिश्नर ने भी तत्काल एक पक्षीय आदेश जारी कर पीआरओ को निलंबित कर दिया। विरोध में मप्र जनसंपर्क अधिकारी संघ 24 मई काे एक दिवसीय हड़ताल भी कर चुका है।
हड़ताल के पहले दिन ही इंदौर कमिश्नर फैसला वापस ले लेते हैं। सीएम कार्यालय से कलेक्टर के निलंबन का आश्वासन मिलते ही पीआरओ संघ ने हड़ताल खत्म कर दी थी। अब मामला खुद सीएम शिवराजसिंह चौहान के यहां अटका है।
शिवराज के मंत्रालय के आदेश को कलेक्टर ने पलटा!:खंडवा कलेक्टर की अफसरशाही से सरकार भी दंग; जनसंपर्क अधिकारी काे ट्रांसफर कर रिलीव किया, जनसंपर्क आयुक्त बोले: कलेक्टर को अधिकार ही नहीं
न्यूज पोर्टल, वेबसाइट और विभाग मेरी परफॉर्मेंस का गवाह हैं
पीआरओ बृजेंद्र शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लिखा कि - कोई कहे आपने एक वर्ष में कुछ नहीं किया। 29 साल की नौकरी में कुछ नहीं सीखा। मीडिया से आपके संबंध खराब हैं।मीडिया को सूचना नहीं दी। इन सबके बीच यदि यह कहें कि हमने सूचना दी कि नहीं इसका गवाह व्हाट्सएप और ईमेल है।
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, ब्लॉग, जनसंपर्क के न्यूज पोर्टल और विभाग की वेबसाइट पर कोई भी कभी देखकर गलतफहमी दूर कर सकता है। खंडवा और बुरहानपुर दोनों जिलों का प्रभार लगभग 4 वर्ष तक रहा। स्पाइन सर्जरी हुई, तो अवकाश के लिए 50 दिन स्वीकृत हुआ। फिर भी ऑफिस जाकर समाचार तैयार कर जारी किए। इसके गवाह ऑफिस के साथी कर्मचारी हैं।