देश में 21 दिन का लॉकडाउन है तो हर घर में एक टीवी पर न्यूज तो चलती ही रहती है। बुधवार को बहुत से न्यूज चैनलों पर फ्लैश हो गया कि 'योगी सरकार ने सील किए 15 जिले', 'किसी को घर से कदम बाहर रखने नहीं दिया जाएगा' टाइप। इससे मचा कोहराम। उन 15 जिलों में जिनका नाम ये चैनल चीख-चीखकर ले रहे थे। देखते ही देखते, वही हालात हो गए जो नहीं होने चाहिए थे। राशन की दुकानों पर भीड़, डेरी पर भीड़, दवा की दुकानों पर भीड़। जो भी खुला मिला, वहां भीड़। ऐसी भीड़ में क्या ही सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो हो पाती। और ये अफरातफरी फैली क्यों, फेक न्यूज के चक्कर में।
ना मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग
घर के लिए सामान जमा करने की जल्दी यूं थी कि लोग बिना मास्क लगाए ही निकल पड़े। जल्दी सामान मिल जाए, लिए गाजियाबाद के प्रताप विहार में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को ताक पर रख दिया।
ग्रेनो वेस्ट में लगी लाइन
खबर फ्लैश होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट की मार्केट का नजारा देखिए। गनीमत ये रही कि यहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करते दिखे।
ये लखनऊ है जनाब
अदब का शहर है लखनऊ। मगर जब पूरा जिला सील करने की खबर सुनी हो तो अदब पीछे रह जाता है। ये तस्वीर पांडेयगंज गल्ला मंडी की है। पुलिसकर्मी तो मास्क लगाकर सब देख रहा है मगर पीछे दिख रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियम भूल बस जल्दी में हैं।
लॉकडाउन में ऐसे सजा बाजार
लखनऊ के डालीगंज बाजार की ये तस्वीर देखिए। ऐसा लगेगा ही नहीं कि कोई लॉकडाउन है। आम दिनों जैसा नजारा है बस कुछ लोग मास्क लगाए जरूर दिख जा रहे हैं। ये सब हुआ एक फेक न्यूज की वजह से।
दूध लेने के लिए लंबी लाइन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक मदर डेयरी बूथ का हाल देखिए। कितनी लंबी लाइन लगी है। अच्छा है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग देखने को मिली।
सोशल डिस्टेंसिंग... वो क्या है?
कोरोना वायरस से बचाव का बड़ा अहम हथियार है सोशल डिस्टेंसिंग। मगर जब ये पता चले कि महीने भर तक घर से निकलना नहीं है तो ऐसी ही अफरातरफरी मचेगी। लखनऊ के डालीगंज मार्केट की यह तस्वीर यूपी के इन 15 जिलों में फैले पैनिक की बानगी है।