मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना बच्चों की खुशियों पर कहर बनकर टूटा है। जिंदगी भर न भूलने वाला दर्द दे दिया। यहां ऐसे 15 बच्चे हैं, जिन्होंने कोरोना से अपने मां-बाप दोनों को खो दिया। वहीं, 100 से ज्यादा बच्चों के सिंगल पैरेंट्स की मौत हुई है। अभी यह शुरुआती जानकारी है।
ऐसे मां-बाप खो चुके बच्चों के आवेदन महिला एवं बाल विकास विभाग को मिले हैं। इसमें पात्र बच्चों की मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। विभाग को कोरोना से मां-बाप खोने के भोपाल के कोलार परियाेजना में 4, गोविदंपुरा परियोजना में 4, बरखेड़ी परियोजना में 2, चांदबढ़ परियोजना में 2, बैरसिया परियोजना में 1, जेपी नगर परियोजना में 1 और मोतियापार्क परियोजना में 1 बच्चे की जानकारी मिली है। अभी यह बच्चे अपने रिश्तेदारों के घर पर रह रहे हैं। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि योजना का लाभ देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बच्चों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
100 से ज्यादा बच्चों के सिंगल पैरेंट्स की मौत
विभाग को भोपाल में कोरोना के कारण 100 से ज्यादा बच्चों के सिंगल अभिभावक की मौत होने की भी जानकारी मिली है। ऐसे बीपीएल परिवार के बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत प्रतिमाह 2 हजार रुपए 18 वर्ष की आयु तक दिया जाता है। वहीं, इसमें जीवित सिंगल अभिभावक यदि 80 प्रतिशत से ज्यादा विकलांग है। काम करने में सक्षम नहीं है तो उनको भी विशेष प्रकरण मानकर सीएम-कोविड 19 बाल कल्याण योजना में लाभ देने का प्रस्ताव लाया जाएगा।
पोर्टल पर करना होगा आवेदन
आप ऐसे बच्चों के आवेदन सभी दस्तोवजों के साथ covidbalkalyan.mp.gov.in पोर्टल पर प्राप्त किए जाएंगे। ऐसे परिवारों की पहचान कर उनके आवेदन पोर्टल पर जमा कराने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल कल्याण जिला कार्यक्रम अधिकारी की होगी। इन आवेदनों पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित 6 सदस्यीय समिति निर्णय लेगी, जिसका आदेश सदस्य सचिव जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जारी करेंगे।
यह मिलेगा लाभ
जना में आर्थिक सहायता के रूप में बच्चों की देखरेख के लिए 5 हजार रुपए प्रतिमाह 18 साल तक चिन्हित संरक्षक के खाते में जमा की जाएगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद राशि बच्चे के व्यक्तिगत खाते में जमा कराए जाएंगी। ऐसे परिवार को बीपीएल कार्ड धारक के समान निशुल्क राशन प्राप्त करने की पात्रता होगी। इसके अलावा स्कूल, उच्च, तकनीकी, चिकित्सा एवं विधि शिक्षा की राशि का भुगतान भी सरकार वहन करेगी।
यह है पात्रता की शर्तें
योजना के तहत ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की कोविड से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो। या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निर्धन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड-19 से मृत्यु हुई है। योजना में कोविड-19 से मौत 1 मार्च 2021 से 30 जून 2021 तक की अवधि में मान्य माना जाएगा। 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के संरक्षक का चयन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
इस उम्र तक मिलेगा लाभ
योजना का लाभ बालक/बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, लेकिन स्नातक में पढ़ाई करने की स्थिति में 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक जो भी कम हो लाभ दिया जाएगा।
यह भी योजना की पात्रता के लिए आवश्यक
योजना के तहत प्रभावित परिवार का मध्यप्रदेश का नागरिक होना आवश्यक है। परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो, बच्चे के माता-पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हो जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत पेंशन पाने की पात्रता हो।