मुम्बई। 17 मई को अरब सागर में आए चक्रवाती तूफान ताऊ ते के बाद पानी में डूबे जहाज P-305 पर सवार 261 में से 13 लोगों की तलाश आज भी जारी है। अभी तक 60 लोगों के शव मिल चुके हैं और 188 लोगों को सही सलामत रेस्क्यू किया गया है। P-305 के साथ एक टगबोट 'वरप्रदा' पर भी सवार 11 लोग लापता हैं। हालांकि, 80 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अब इन सभी के जिंदा बचे होने की संभावना धुंधली पड़ती नजर आ रही हैं।
'साइड स्कैन सोनार' से आज हो रही तलाशी
नेवी और कोस्टगार्ड की ओर से चलाये रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 6वां दिन है। बचे हुए लोगों को तलाशने के लिए 'साइड स्कैन सोनार' और INS तरासा के साथ INS मकर के गोताखोर लगाए गए हैं। P-305 के लापता क्रू मेंबर्स में जहाज के कप्तान राकेश बल्लभ भी शामिल हैं। ये तूफान के आने के बाद समुद्र में कूद गए थे। इन पर जानबूझकर बार्ज पर मौजूद लोगों की जान आफत में डालने का आरोप है।
‘INS मकर’ को कर्नाटक ने मुंबई लाया गया
INS मकर एक सर्वेक्षण जहाज है। नौसेना इसका उपयोग हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए करती है। इस हादसे के बाद इसे कर्नाटक से मुंबई के तट पर लाया गया है।
INS मकर को इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए देर रात कर्नाटक के तट से मुंबई लाया गया है।
ऐसे काम करता है 'साइड स्कैन सोनार'
समुद्र में विजिबिल्टी कम हो जाने के बाद एक बड़े क्षेत्र में तलाशी के लिए 'साइड स्कैन सोनार' का इस्तेमाल किया जाता है। हाई रेजोल्यूशन वाले इस सोनार सिस्टम से समुद्र तल पर पड़ी चीजों की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त की जा सकती है। खोजी जा रही वस्तु की पहचान के बाद गोताखोर वहां जाकर उस वस्तु या व्यक्ति को रेस्क्यू कर सकती है।
6 डाइविंग टीम इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं
आज के ऑपरेशन की अगुआई कर रहे कमोडोर मनोज झा ने कहा, 'INS मकर छह डाइविंग टीमों के साथ रवाना हुआ है, जिनमें से प्रत्येक में 5 से 6 गोताखोर हैं। ये पानी में डूबे बार्ज के अंदर फंसे शवों की तलाश भी करेंगे। गोताखोर दल, सोनार के सिग्नल के आधार पर सर्च करेगा।
इस ऑपरेशन में 7 INS जहाज लगाए गए
लो ड्राफ्ट वाले जहाज INS तरासा भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया है। इससे पहले नेवी ने 4 दशक के सबसे बड़े रेस्क्यू मिशन में INS कोच्ची और कोलकाता के अलावा, INS तेग, INS तलवार और INS बेतवा को तैनात किया था। तटरक्षक बल ने सुभद्रा कुमारी चौहान, संकल्प, समर्थ, सम्राट, समुद्र प्रहरी, सचेत और अपूर्व जैसे जहाजों की तैनात की थी।
इस रेस्क्यू मिशन में गोताखोरों की 6 टीमों को लगाया गया है।
नेवी और कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टर भी सर्च में लगाए गए
नौसेना और कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टर भी शवों और जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए समुद्र तट के करीब लगातार उड़ान भर रहे हैं। 'सी किंग' हेलीकॉप्टरों और चेतक की सहायता के लिए नौसेना को गोवा से दो हल्के हेलीकॉप्टर मिले हैं। दो डोर्नियर 228 विमान, जो कम दूरी पर उड़ान भर सकते हैं, तट के किनारे उड़ रहे हैं। सर्च टीम के हर सदस्य के पास जीवित बचे लोगों या शवों की खोज के लिए खास दूरबीन है। तटरक्षक बल के एक अधिकारी ने कहा कि बरामद किए जा रहे शव बहुत खराब स्थिति में हैं और जहाजों को उन्हें तुरंत तट पर पहुंचाना है।
समुद्र में लापता लोगों को तलाशने ले लिए आधुनिक उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है।
GAL कंस्ट्रक्टर के मालिकों को नोटिस जारी
इस बीच, महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (MMB) ने GAL कंस्ट्रक्टर के मालिकों को नोटिस जारी किया है। यह बार्ज मुंबई से 34 नॉटिकल माइल दूर समुद्र में अपनी जगह से हट गया था। यह नोटिस भारतीय बंदरगाह अधिनियम के तहत जारी किया गया है। इसमें पूछा गया है कि तूफान की चेतावनी के बावजूद इस पर सवार लोगों को सही समय पर मुंबई के तट पर क्यों नहीं ले जाया गया। 'ताऊ ते' के वक्त इस बार्ज पर 137 लोग सवार थे। सभी को 18 मई को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया था।
ऐसा ही एक नोटिस डीजी (शिपिंग) के मरीन मर्केंटाइल डिपार्टमेंट को भी दिया गया है। शिपिंग मंत्रालय ने नौका मालिकों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए एक नोटिस जारी किया है कि फंसे हुए जहाज से तेल प्रदूषण को नियंत्रण में रखा जाए।