मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांवों में लोग टीके से डरे हुए हैं, क्योंकि कोरोना से कुछ ऐसे लोगों की भी जान गई है, जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया था। इसी को आधार बनाकर लोग टीके लगवाने से इंकार कर रहे हैं। यहां कोरोना से बचने के लिए लोग धूप यात्रा निकाल रहे हैं। हनुमानजी का अभिषेक कर रहे हैं। आपसी सद्भाव बनाए रखते हुए मुस्लिम भी इसमें शामिल हो रहे हैं।
वहीं, छतरपुर जिले के कुछ गांवों में माहौल पॉजिटिव है। यहां लोगों की गैरजरूरी आवाजाही रोकी जा रही है और लॉकडाउन का सही इस्तेमाल किया जा रहा है। पढ़ें, मध्यप्रदेश के गांवों से ग्राउंड रिपोर्ट...
1. सरपंच लोगों को टीके लिए मना रहे
- मंदसौर जिले के गांवों से राजेंद्र दुबे और शरद गुप्ता की रिपोर्ट
मंदसौर जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर साखतली गांव में कोरोना के खिलाफ धर्म और विज्ञान का सहारा लिया जा रहा है। यहां ग्राम पंचायत भवन के बाहर सरपंच रामपाल तंबोली अखबार में छपे तीन फोटो लेकर बैठे थे, जो हर आने-जाने वाले को दिखा रहे थे।
वे बोले- पहला चित्र उन संक्रमित फेफड़ों का है, जिन्हें एक भी टीका नहीं लगा, ये पूरा सफेद हो गया। दूसरा चित्र एक डोज लगवाने वाले का है और ये चित्र दो डाेज वाले का, इसमें संक्रमण नहीं फैला। इसलिए वैक्सीन हमें कोरोना से बचाएगी।
लोगों को वैक्सीन के फायदे बताते साखतली गांव के सरपंच।
उधर, गांव के ही मांगीलाल पाटीदार ने 35 युवाओं के साथ धूप चिकित्सा यात्रा निकाली। इसमें 30 बाल्टियों में गूगल, कपूर, घी, जौ, नीम के पत्ते, चंदन-आम की लकड़ियों को कंडे के साथ जलाकर धुआं किया और इसे लेकर गांव की गली-गली में निकले।
मांगीलाल का दावा है कि इससे वायुमंडल शुद्ध होगा और हवा में फैल रहा कोरोना खत्म हो जाएगा। गांव में 65 मरीज हैं। 10 की मौत हो चुकी है, लेकिन कोरोना से 1 ही मौत बताई जा रही है।
हनुमानजी के अभिषेक के बाद जल छिड़का, मुस्लिम भी शामिल हुए
सुरखेड़ा गांव में भी पूजा-अभिषेक से कोरोना मुक्ति के जतन किए जा रहे हैं। कचरूलाल पाटीदार ने बताया कुछ दिन पहले हनुमानजी का अभिषेक किया। इसके बाद पवित्र जल की बूंदें गांव के हर व्यक्ति पर छिड़कीं। इसके लिए सुबह 6 बजे पूरे गांव को सोशल डिस्टेंसिंग से मुख्य रास्ते से निकाला गया।
श्यामलाल बोले- गांव में 200 परिवार हैं। इसमें 45 परिवार मुस्लिम समाज के हैं, लेकिन इस आयोजन में वे भी शामिल हुए। उन्होंने अभिषेक के लिए दान भी किया। सहायक सचिव मुनीर के मुताबिक अब तक 34 मरीज मिले हैं। कोरोना से एक की मौत हुई है। केवल 5 लोगों ने टीके लगवाए हैं।
टीके से डर इतना कि दरवाजे बंद घर में कैद हो गए लोग
1200 की आबादी वाले लारनी गांव में भास्कर टीम को देखते ही दो लड़के चिल्लाते हुए गांव की ओर भागे। बोले- टीके लगाने वाले आ गए। यह सुनते ही ओटलों पर बैठीं महिलाएं खेल रहे बच्चों को खींचकर घरों में छुप गईं और दरवाजे बंद कर लिए। कुछ ही मिनट में गांव में सन्नाटा पसर गया।
खिड़की से झांक रही एक महिला बोली- टीका लगवाने से मर जाते हैं, इसलिए नहीं लगवाएंगे। सामने से आ रहे बुजुर्ग गोवर्धन बोले- सरकार ये टीके हमें मारने के लिए लगा रही है ताकि पेंशन-राशन न देना पड़े। पांच हजार रुपए दो तो भी नहीं लगवाऊंगा। गांव की सरपंच मोहन बाई घूंघट लेकर घर से निकलीं। पति राम सिंह गांव से बाहर गए थे।
ननद मानकुंवर चौहान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। वे बाहर आईं और बताया- हमारे पूरे परिवार ने टीके लगवा लिए, फिर भी गांव वाले नहीं लगवा रहे। गांव में अब तक दो मौतें हो चुकी हैं।
दरअसल गांव में टीके को लेकर दहशत है, क्योंकि पास के बसई गांव में गिट्टी खदान के मालिक शंकर प्रताप सिंह और उनकी पत्नी फतेह कुंवर की कोरोना से मौत हो गई थी। दोनों ने वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया था, फिर भी जान नहीं बची।
लोगों ने बताया कि इसी घटना को गांव वालों ने हवा दे दी। धारणा बना ली कि टीके लगवाने से मर जाएंगे। मामले की पूरी सच्चाई जानने भास्कर टीम यहां से 25 किमी दूर साखतली गांव पहुंची। यहां शंकर प्रताप सिंह के छोटे भाई मिले। बोले- हमारे परिवार में तीन मौतें हुई। भाई-भाभी और 35 साल का भतीजा भी नहीं रहा। भाई-भाभी ने टीके लगवाए थे, लेकिन मौत टीके से नहीं, कोरोना से हुई। मैंने खुद टीका लगवाया है। इसके बाद पॉजिटिव हो गया, लेकिन अब ठीक हूं। गांव वालों में अफवाह है, इसे खत्म करना जरूरी है।
2. कुम्हार टोली गांव में करवाचौथ के लिए करवों का एडवांस उत्पादन
- छतरपुर जिले के गांवों से श्रीकांत त्रिपाठी की रिपोर्ट
अब एक अच्छी खबर के लिए आपको छतरपुर ले चलते हैं। यहां का एक गांव है कुम्हार टोली। यहां प्रजापति समाज के करीब 40 परिवार हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जहां छोटे-बड़े सभी उद्योग बंद हैं, वहीं इस गांव में ज्यादातर परिवार मिट्टी के बर्तन और मूर्तियां बनाने में जुटे हैं। इन्होंने अभी से करवाचौथ और दीपावली की तैयारी कर ली है।
करवे बना रहे बबलू प्रजापति कहते हैं- लॉकडाउन के चलते मिट्टी के बर्तन और मटकों की खरीदी ठप है। घर से बाहर निकल नहीं सकते। इस समय का इस्तेमाल करते हुए घर में अभी से करवाचौथ के लिए करवे और दीपावली की मूर्तियां और दिये बना रहे हैं। गांव के सभी परिवार इसी काम में लगे हैं। इससे न सिर्फ हमारा उत्पादन बढ़ रहा है, बल्कि लॉकडाउन का पालन सही तरीके से होने के कारण गांव में एक भी पॉजिटिव केस नहीं है।
छतरपुर जिले में सभी काम बंद हैं , लेकिन यहां के कुम्हार टोली गांव में प्रजापति समाज के 40 परिवार अभी से करवाचौथ और दीपावली की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
मोनिका प्रजापति का परिवार भी परंपरागत रूप मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता है। उन्होंने भी दीपावली के लिए ग्वालन (लक्ष्मीजी का एक रूप) की हजारों प्रतिमाएं तैयार कर ली हैं। बातचीत में उनकी चिंता के साथ उम्मीद भी झलकती है।
वे कहती हैं, ‘60 हजार रुपए कर्ज लिया, तब जाकर मिट्टी और अन्य सामान खरीद पाए। त्योहार से पहले सब ठीक हो जाएगा।’ इस गांव से मिट्टी के सामान की सप्लाई छतरपुर, नौगांव, टीकमगढ़ के अलावा उत्तरप्रदेश के महोबा, झांसी और कानपुर तक होती है।
शादियां रुकवाईं, जो नहीं माने उन्हें 10 लोगों के साथ खेत पर मंडप की अनुमति दी
बिलहरी गांव में कोरोना के चार मामले सामने आए तो ग्रामीणों ने बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश बंद करने के लिए गांव की सीमा पर तीन बैरियर लगा दिए। यहां युवाओं की टोली 4-4 घंटे ड्यूटी करती है। गांव में हर आने-जाने वाले व्यक्ति की स्क्रीनिंग और जानकारी दर्ज की जाती है। गैरजरूरी प्रवेश पर प्रतिबंध है।
इस काम का जिम्मा संभाल रहे टिंकू यादव बताते हैं 24 अप्रैल से गांव में बैरियर लगाए। जिनके परिवार में शादियां थीं, उनसे शादियां आगे बढ़ाने का आग्रह किया। ज्यादातर मान गए। जो नहीं माने, उन्हें खेतों में जाकर 10 व्यक्तियों के साथ शादी करने की मंजूरी दी। गांव में वैक्सीनेशन, हर बीमार व्यक्ति की सैंपलिंग और समय-समय पर स्क्रीनिंग पर ध्यान दिया। अब गांव में सब ठीक हैं। जो पॉजिटिव थे वह भी रिकवर हो गए।
गांव में बगैर मास्क के मिलने पर चालान
छतरपुर की मऊ सहानियां पंचायत में भी गांव के बाहर नाका बनाकर बाहरी लोगों का प्रवेश बंद किया गया है। यहां ड्यूटी कर रहे BLO राम मनोज राठिया ने बताया हर बाहरी व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मास्क नहीं लगाने वालों पर पंचायत चालानी कार्रवाई कर रही है।
छतरपुर जिले में अब तक 9,557 पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 10 अप्रैल से 9 मई तक हर दिन जिले में 100 नए संक्रमित मरीज मिले। यानी एक माह में तीन हजार से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। पिछले एक सप्ताह से यहां जिले में 40 से 50 नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं।