मोदी ने डॉक्टरों, फ्रंट लाइन वर्कर्स और कोविड पेशेंट के अनुभव सुने; बोले- वैक्सीन पर अफवाह का शिकार न हों

Posted By: Himmat Jaithwar
4/25/2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 76वें एपिसोड के दौरान देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोविड पेशेंट के अनुभवों को देश की जनता के साथ साझा किया। उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर भी साफ किया कि वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है। किसी अफवाह में न आएं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को फ्री वैक्सीन भेजी गई है और यह काम आगे भी जारी रहेगा। 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग भी वैक्सीन का लाभ ले सकते हैं। एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगेगी। मेरा राज्यों से भी आग्रह है कि वो भारत सरकार के मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।

कोरोना और वैक्सीनेशन पर डॉक्टर्स से बात की

  • सबसे पहले मोदी ने मुंबई के डॉ. शशांक से बात की। इस दौरान डॉ. शशांक ने बताया कि लोग बहुत देर से ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। सरकारी सूचनाओं का पालन करें तो इस कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। हल्के कोविड के लिए हम ऑक्सीजन मॉनिटर करते हैं, बुखार देखते हैं। बुखार बढ़ने पर पैरासिटामॉल देते हैं। मध्यम कोविड में डॉक्टर के साथ संपर्क जरूरी है। सही और सस्ती दवाई लेनी चाहिए। ऑक्सीजन भी देनी पड़ती है। अक्सर क्या हो रहा है कि रेमडेसिविर है, इसकी वजह से अस्पताल में कम दिन रहना पड़ता है। इसके शुरुआती इस्तेमाल से ही फायदा है, लेकिन इसके पीछे दौड़ना नहीं चाहिए। डॉक्टरों के बताने पर ही लें। प्राणायाम से फायदा होगा। खून पतला करने वाले इंजेक्शन से लोग ठीक हो जाते हैं। सलाह लेना जरूरी है। महंगी दवाइयों के पीछे दौड़ना जरूरी नहीं है।
  • इसके बाद मोदी ने डॉ. नाबिद से बात की। इस दौरान नाबिद ने कहा कि खौफ का माहौल था, कोविड को मौत ही मानने लगे थे लोग। अस्पतालों के स्टाफ में भी खौफ का माहौल था। वक्त गुजरने के साथ हमने देखा कि प्रोटेक्टिव गियर और सावधानियों से सभी सेफ रह सकते हैं। हमने देखा कि 90-95% मरीज बिना दवाइयों के ठीक हो रहे हैं। सेकंड वेव में भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। प्रोटेक्टिव रास्तों और प्रोटोकॉल का पालन करेंगे तो सेफ रहेंगे। मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग रखें। हमारे मुल्क में दो वैक्सीन कोवैक्सिन और कोवीशील्ड हैं। जम्मू-कश्मीर की बात है तो यहां 15-16 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। सोशल मीडिया पर साइड इफेक्ट को लेकर भ्रम था। अभी तक हमें ये देखने को नहीं मिले हैं। आम वैक्सीन में बुखार आदि आना आम है। वैक्सीन के बाद लोग पॉजिटिव हो सकते हैं, लेकिन बीमारी गंभीर नहीं होगी। जानलेवा नहीं साबित होगी।

कोरोना मरीजों के बीच रहने वाली नर्सों से भी बात की

  • प्रधानमंत्री मोदी ने रायपुर की सिस्टर भावना से बात की। भावना ने बताया कि मेरा कोविड का अनुभव 2 महीने का है। हम 14 दिन ड्यूटी करते हैं और फिर हमें रेस्ट दिया जाता है। जब मेरी ड्यूटी लगी तो मैंने अपने परिवार से ये बात शेयर की। वो सभी डर गए और घबरा गए। इमोशनल हालात बन गए और बेटी ने पूछा कि आप ड्यूटी पर जा रहे हैं? जब मैं कोविड स्टेशन के पास गई तो वहां मरीज इतना डरे हुए थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। हम उनके डर को कैसे दूर करें इसके लिए हमने अच्छा वातावरण दिया। हमें सबसे पहले पीपीई किट पहनने को कहा गया। इसे पहनकर ड्यूटी करना बहुत मुश्किल है। मुझे नहीं पता था कि हमारी साथी कौन हैं। हम लोगों ने मिलकर मरीजों का डर दूर किया। मरीजों को सभी लक्षण थे लेकिन वो टेस्ट नहीं करवाते थे। देर कर देते थे और लंग्स में इंफेक्शन बढ़ जाता था। हमने सभी तरह के पेशेंट देखे तो उन्होंने कहा कि हम डर की वजह से नहीं आ पाए। डर ठीक नहीं होता है, आप हमारा साथ दीजिए और हम आपका साथ देंगे।
  • इसके बाद मोदी ले बेंगलुरु से सिस्टर सुरेखा से बात की। सुरेखा ने कहा कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जल्द से जल्द टेस्ट करवाएं। अगर कोई लक्षण दिखाई दे तो खुद को आइसोलेट कर लें। घबराएं ना, पॉजिटिव रहें। मैंने वैक्सीन लगवाई है। वैक्सीन लगवाने से घबराएं नहीं। कोई वैक्सीन 100% सुरक्षा नहीं देती है। इम्युनिटी डेवलप होने में वक्त लगता है, लेकिन इसे लगवाएं। काढ़ा पिएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ सहानुभूति रखें। हम आप लोगों के लिए काम कर रहे हैं, आपके सहयोग की जरूरत है हम लोगों को।

एंबुलेंस ड्राइवर का भी अनुभव जाना

  • मोदी ने कहा, "एंबुलेंस ड्राइवर प्रेम वर्मा जी है। प्रेम वर्मा जी अपने काम और कर्तव्य को प्रेम और लगन से करते हैं। उनसे बात करते हैं।' इसके बाद प्रेम ने कहा, "मैं ड्राइवर हूं। हमें जैसे ही कॉल आती है, हम पेशेंट के पास जाते हैं। दो साल से लगातार काम कर रहे हैं। किट, ग्लव्स, मास्क पहनकर हम उन्हें अस्पताल तक पहुंचाते हैं। वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं मुझे। सभी को ये डोज लगनी चाहिए। मेरी मां ने कहा कि नौकरी छोड़ दो। मैंने कहा कि तब पेशेंट को कौन छोड़ने जाएगा। अभी सभी नौकरी छोड़ रहे हैं और मैं नौकरी नहीं छोड़ूंगा।' मोदी ने कहा कि आपकी मां को प्रणाम कहता हूं। सभी एंबुलेंस चलाने वालों की मां क्या सोचती हैं, जब ये बात करोड़ों लोग जानेंगे तो उन्हें ये बात छू जाएगी।

कोरोना सर्वाइवर से भी बात की

  • मोदी ने कहा कि गुरुग्राम की प्रीति चतुर्वेदी जी ने कोरोना को हराया है। उनके अनुभव हमारे काम आएंगे। उन्हें कोरोना से लड़ने के लिए सराहना देता हूं। इस पर प्रीति ने कहा, "मुझे पहले बहुत सुस्ती थी, फिर खराश होने लगी। मैंने टेस्ट कराया और रिपोर्ट आते ही मैंने खुद को क्वारैंटाइन कर लिया। डॉक्टरों से सलाह लेकर मैंने इलाज शुरू कर दिया। मैंने जरूरत का सारा सामान रखकर कमरे में खुद को बंद कर लिया। मेडिटेशन के साथ योग किया, काढ़ा लिया, हेल्दी फूड खाया, पानी पिया, गर्म पानी पिया, प्रोटिन रिच डाइट ली। घबराना नहीं है, पॉजिटिव रहना बहुत जरूरी है। मैंने योग और काढ़ा बंद नहीं किया है। हेल्दी फूड अभी भी जारी है।'

मोदी के संबोधन की 3 अहम बातें
1. कोरोना के तूफान ने देश को झकझोर दिया
आज आपसे मन की बात एक ऐसे समय कर रहा हूं, जब कोरोना हम सभी के धैर्य हमारे दुःख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने, हमें असमय छोड़ कर चले गए हैं। कोरोना की पहली वेव का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौंसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफान ने देश को झकझोर दिया है।

2. देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहा
समाज के लोग भी इस समय पीछे नहीं हैं। देश एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ रहा है। कोई क्वारैंटाइन में रह रहे लोगों के लिए दवा पहुंचा रहा है, तो कोई सब्जी-दूध-फल पहुंचा रहा है। कोई एंबुलेंस की सेवा मुफ्त दे रहा है। गांवों में भी जागरूकता देखी जा रही है। लोग प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। बाहर से आने वालों के लिए व्यवस्था की जा रही है। शहरों में भी नौजवान कोशिश कर रहे हैं।

3. हम जल्द आपदा से बाहर आएंगे
देश दिन रात अस्पताल में वेंटिलेटर्स और दवा के लिए काम कर रहा है तो देशवासी भी जी-जान से कोरोना की चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं। ये भावना विश्वास और ताकत दे रहे हैं। आज मन की बात की पूरी चर्चा को कोरोना पर ही रखा है। आज हमारी प्राथमिकता इस बीमारी को हराना है। महावीर जयंती भी है। मैं सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। रमजान का महीना चल रहा है। आगे बुद्ध पूर्णिमा है, टैगोर जयंती, गुरु तेगबहादुर जयंती है। ये सभी हमें कर्तव्य की प्रेरणा देते हैं। आग्रह करता हूं कि वैक्सीन लगवानी है और सावधानी बरतनी है। दवाई भी कड़ाई भी। हम जल्द आपदा से बाहर आएंगे।



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