राजगढ़। राजगढ़ के जिला अस्पताल में नोटिस चस्पा कर दिया गया है कि सभी बेड फुल हो गए है। ऐसे में नए कोरोना मरीजों को भर्ती करना संभव नहीं। विधायक ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी है लेकिन नतीजा सिफर है। अब समस्या यह है कि आखिर मरीज कहां जाएंगे।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन मरीजों की बढ़ोतरी तेजी से हो रही है। ऐसे में राजगढ़ के जिला अस्पताल की दीवार पर सूचना चस्पा की गई है। इसमें लिखा है जिला चिकित्सालय में बेड नहीं है। नए कोरोना मरीज को भर्ती करना संभव नहीं है। अब ऐसे में सवाल यही है कि सरकार ने मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल तो बनवा दिए लेकिन ऐसे संकट के समय मे यदि उस अस्पताल में लोगों को इलाज नही मिल पाए तो राजगढ़ की जनता जाए तो कहां जाए। राजगढ़ में कोरोना महामारी के चलते मौत के आंकड़े बढ़ते ही चले जा रहे हैं। यही कारण है कि राजगढ़ के मुक्तिधाम में कोरोना से मरने वालों की चिताएं लगातार जल रही है, श्मशान में चिता की राख ही राख है। श्मशान में कंडे लकड़ी देने वाले राकेश प्रजापति ने बताया कि 3 दिनों में 30 लोगों की मौत हो गई है। वही राजगढ़ से कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर की माने तो ऑक्सीजन की कमी के कारण राजगढ़ में हर रोज 10 से अधिक लोगों की मौत हो रही है। वही गुरुवार को तो राजगढ़ में एक ही दिन में 14 लोगों ने दम तोड़ा जिसको लेकर राजगढ़ विधायक ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ट्वीट करते हुए लिखा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण राजगढ़ में एक दर्जन लोग रोज मर रहे हैं। राजगढ़ में यदि 3 दिनों की बात करे तो यह 30 लोगों की मौत हो गई। अधिकांश मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई है। वही राजगढ़ अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहे है। इसे लेकर मरीज के परिजन परेशान हो रहे है।
टेस्टिंग भी कर दी गई बंद
राजगढ़ कांग्रेस विधायक बापू सिंह तंवर ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण रोज 10 से 12 लोगों की मौत हो रही है। मैं प्रशासन से 1 हफ्ते से कह रहा हूं ऑक्सीजन कंस्टेटर मशीन खरीद लीजिए लेकिन आज तक नहीं खरीद पाए। राजगढ़ पिछड़ा जिला है। यहां ऑक्सीजन प्लांट नहीं है। पूरा हॉस्पिटल भर चुका है। गांव-गांव में कोरोना पैर पसार चुका है। हॉस्पिटल में जितनी जगह थी वह फुल हो गई। प्रशासन ने नोटिस लगा दिया कि हम मरीज नहीं लेंगे। खुजनेर में घर-घर में बीमार है। टेस्टिंग बंद हो गई।
अफसरों ने भी हाथ खड़े किए
ADM राजगढ़ कमल चंद्र नागर ने बताया कि जिला अस्पताल में हमने कंट्रोल रूम बना लिया है। व्यवस्था करने का प्रबंध कर रहे हैं। ऑक्सीजन की जो सप्लाई हमें मिल रही है, सीमित मात्रा में मिल रही है। हमारा आईसीयू और ट्रॉमा यूनिट है। जहां पर क्रिटिकल मरीज इमरजेंसी है, वहां पर पहले देने का प्रयास करते हैं। इसके बाद बाकी लोगों को देने का प्रयास करते हैं। कोरोना के लिए अलग से वार्ड नहीं होता जो अस्पताल के नॉर्मल वार्ड है उनको हटाकर कोरोना वार्ड बनाया हैं। 170 बेड है, उससे ज्यादा क्षमता नहीं है।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का कहना है जिला अस्पताल में सारे पलंग फुल हो चुके हैं। ऑक्सीजन हम 60 बेड पर ही उपलब्ध कर सकते हैं।