भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज 1 मई से शुरू हो रहा है। इसमें 18 से ज्यादा उम्र वाले, यानी 1 जनवरी 2004 से पहले जन्मे सभी लोगों को वैक्सीनेट करने की तैयारी है। देश में 18+ की कुल आबादी 58.9%, यानी 59 करोड़ से ज्यादा है। 19 अप्रैल की सुबह 8 बजे तक 12.38 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं। इनमें 10.73 करोड़ पहले डोज हैं, जबकि 1.64 करोड़ दूसरे डोज। अब देश की सबसे बड़ी युवा आबादी वैक्सीन लगने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
आप भी पहले से तैयारी कर लीजिए। इसकी पूरी जानकारी पहले से इकट्ठा कर के रख लीजिए कि कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे कर सकते हैं? वैक्सीन के दो डोज में कितने दिन का अंतर रहेगा? इसका असर कितने दिन में दिखेगा? वैक्सीन लगवाने से पहले और उसके बाद आपको क्या करना है और क्या नहीं?
रजिस्ट्रेशन के वक्त दो अहम बातों का ध्यान रखना है
- आप रजिस्ट्रेशन के लिए जो फोटो ID सबमिट कर रहे हैं, अपनी पूरी डिटेल उसी के अनुसार भरें। जैसे कि नाम की स्पेलिंग, जन्म का साल, ID नंबर, जेंडर वगैरह।
- इस बार आपको एक ऑप्शन गंभीर बीमारी का दिखेगा। इसमें 45 साल से ज्यादा उम्र वाले इसमें अपनी गंभीर बीमारी सिलेक्ट करें। इन लोगों को टीकाकरण के वक्त एक मेडिकल सर्टिफिकेट भी ले जाने को कहा गया है।
फिलहाल डोज की कमी, लेकिन 1 मई तक हालत सुधरने के आसार
- इस समय भारत में जितने भी डोज दिए गए, उनमें 91% हिस्सेदारी कोवीशील्ड की रही। इसे दुनिया का सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने बनाया था। अब कच्चे माल की कमी की वजह से वह भी प्रोडक्शन नहीं बढ़ा पा रहा है। वहीं, भारत बायोटेक को भी प्रोडक्शन तेज करने में दिकक्त हो रही है। सरकार ने बायोमेडिकल रिसर्च बॉडी हॉफकिन इंस्टीट्यूट से कोवैक्सिन बनाने को कहा है। ताकि कमी को दूर किया जा सके।
- वैक्सीन के डोज की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 12 अप्रैल को रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को मंजूरी दी। साथ ही विदेशों में स्वीकृत वैक्सीन कंपनियों को भी भारत में डोज उपलब्ध कराने की अपील की।
- इस समय वैक्सीन डोज कम हैं, पर स्पुतनिक V के साथ ही फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन मार्केट में आते ही यह कमी भी दूर हो जाएगी। इसके अलावा 6 वैक्सीन के भारत में ट्रायल्स चल रहे हैं। उनके क्लिनिकल ट्रायल्स का फैसला भी कुछ महीनों में आ जाएगा। तब निश्चित तौर पर वैक्सीन डोज की कमी नहीं होगी।