भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना रोकथाम के लिए शिवराज सरकार की तरफ से तमाम कदम भी उठाए जा रहे हैं. इसके लिए कई जिलों में लॉकडाउन भी लगाया गया है. लेकिन दमोह में उपचुनाव की वजह से लॉकडाउन नहीं लगाया गया, बल्कि मुख्यमंत्री की तरफ से जिले में बढ़ते कोरोना केस के बावजूद रैलियां भी की जा रही हैं. अब इसी पर सियासत गरमा गई है और प्रदेश कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई है.
पिछले दिनों दमोह में एक चुनावी सभा के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि घरों से निकल आओ. इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि सभी लोग घर से निकल जाओ और भाजपा को चुनाव जिताने में लगा दो. उनके इस बयान पर कांग्रेस सांसद अरुण यादव ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज जी जवाब दीजियए? क्या दमोह में कोरोना नहीं फैल रहा है? एक तरफ तो प्रदेश को लॉकडाउन कर गरीब मजदूरों को घरों में क़ैद करते हैं और दूसरी तरफ दमोह में घरों से बाहर निकलने का आह्वान करते हैं. क्या दमोह में कोरोना नहीं फैल रहा है?
उपचुनाव नोटिफिकेशन के बाद दोगुना हुए केस
दमोह में 17 अप्रैल को वोटिंग होगी, जिसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद दमोह में कोरोना के आंकड़े दोगुने हो गए हैं. यहां रोजाना 25 से 30 संक्रमित मिल रहे हैं. वहीं, मौतों की संख्या 110 के करीब पहुंच गई है, जबकि सरकारी आंकड़ों में 94 ही दर्ज हैं. हालात यह है कि 94 ही मान लिया जाए, तो दमोह मध्यप्रदेश में मौतों के मामले में नौवें नंबर पर है.
इस मामले में दमोह से ऊपर सिर्फ इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रतलाम, खरगोन ही हैं. इन सभी शहरों में संक्रमण बढ़ने से लॉकडाउन है, लेकिन इलेक्शन को ज्यादा जरूरी मानकर दमोह को लॉकडाउन के दायरे से बाहर कर दिया गया है. आलम यह है कि यहां होने वाली सभाओं में भीड़ उमड़ रही है और कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है.