छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में बदइंतजामी की इंतहा पार हो गई है, हालत ये है कि कोरोना वार्ड के सामने संक्रमित मरीज का शव खुले में पड़ा रहा और अस्पताल प्रशासन ने उसकी सुध तक नहीं ली। जब अन्य मरीजों के परिजनों ने इस बात की जानकारी एसडीएम अतुल सिंह को दी तो उन्होंने मामले का संज्ञान लिया और करीब तीन घंटे बाद संक्रमित शव को हटाकर उसका अंतिम संस्कार करवाया गया।
जिला अस्पताल से इस तरह की लापरवाही की शिकायतें आने के बाद खुद कलेक्टर सौरभ सुमन, एसडीएम अतुल सिंह और जिला पंचायत सीइओ गजेंद्र सिंह नागेश सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को व्यवस्था संभालनी पड़ रही है।
इसके बावजूद अस्पताल में स्थिति यह है कि मरीज को भर्ती होने के लिए घंटों मशक्क्त करनी पड़ रही है। बता दें कि पूर्व में मरीजों ने यहां भोजन, नाश्ते का इंतजाम सही समय पर नहीं होने जैसी शिकायत भी की थी। साथ ही डॉक्टर्स के समय पर नहीं आने का आरोप भी लगाया था।
SDM बोले- शिकायत मिलते ही संज्ञान लिया
मुझे जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली, तुरंत शव को उठवाया गया। शिकायतें मिलने पर उनका तत्काल समाधान किया जा रहा है। हम अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रहे हैं।
-अतुल सिंह, एसडीएम
इधर, समस्या ये भी: मार्केट में खत्म हुआ रेमडेसिविर इंजेक्शन
छिंदवाड़ा में कोरोना संक्रमण बढ़ते ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी बढ़ गई है। वैसे इसकी कीमत 4800 रुपए है, लेकिन मांग बढ़ने से ये 20 हजार से 30 हजार तक में बिक रहे हैं। फिर भी कुछ लोगों को ये इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद नकुलनाथ ने 500 और छत्तीसगढ़ की राज्यापाल अनुसुइया उइके ने 40 इंजेक्शन जिला अस्पताल में उपलब्ध करवाए हैं।