आप किसी नौकरी की तलाश में हैं। आप किसी नौकरी वाली वेबसाइट पर जाते हैं और वहां आपसे किसी तरह का चार्ज मांगा जाता है तो आप सावधान हो जाइए। अब इस तरह की वेबसाइट्स आपसे कुछ चार्ज के लिए पेमेंट करने को कहती हैं। आप जैसे ही पेमेंट करते हैं आपका पूरा अकाउंट खाली हो जाता है। इसमें आपको ओटीपी भी नहीं आएगा। बैंक से बात करेंगे तो बैंक कहेगा आपने सारी जानकारी लीक कर दी है।
मुंबई के अंधेरी इलाके का है मामला
मामला मुंबई के अंधेरी इलाके का है। राहुल ढल एक प्रोफेशनल हैं। पिछले दिनों उन्हें शाइन डॉटकॉम से फोन आया कि उनका इंटरव्यू दो राउंड का सिलेक्ट हो गया है। इसके लिए 10 रुपए का पेमेंट करना होगा। राहुल ने 10 रुपए का पेमेंट अपने स्टैंडर्ड चार्टर्ड के इंटरनेट बैंकिंग से किया। लेकिन इसके बजाय उनका 20 हजार रुपए कट गया है। राहुल बताते हैं कि इस पर कोई ओटीपी नहीं आया। वे 10 रुपए ट्रांसफर किए। फिर उसके बाद उनके खाते से 20 हजार रुपए कट गए। इसकी शिकायत उन्होंने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक से की।
बैंक ने कहा कि पैसा मोबिक्विक में गया है
बैंक ने कहा कि यह पैसा मोबिक्विक में गया है। बैंक ने मोबिक्विक से 150 रुपए रिफंड कराया। लेकिन बाकी पैसा फिनकेयर स्माल फाइनेंस बैंक में चला गया। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने बाद में जवाब दिया कि यह पूरा मामला ग्राहक द्वारा ओटीपी और अन्य जानकारी लीक करने से हुआ। बैंक ने कहा कि इस मामले में उसकी गलती नहीं है। इस तरह से बैंक ने पैसा वापस करने से मना कर दिया। राहुल कहते हैं कि बैंक ने पहले माना कि उसकी गलती है। साथ ही इस मामले में कोई ओटीपी नहीं आया।
राहुल ने इसकी शिकायत आरबीआई, साइबर क्राइम और स्थानीय पुलिस स्टेशन में की है। इस मामले में न तो स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कई जवाब दिया और न ही फिनकेयर स्माल फाइनेंस बैंक ने।
हल्दीराम के सर्वर पर साइबर अटैक, 7.50 लाख रुपए की मांग
वैसे यह बैंकिंग फ्रॉड का पहला मामला नहीं है। देश की नामी फूड ऐंड पैकजिंग कंपनी हल्दीराम के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ। नोएडा साइबर सेल ने जांच में यह पाया है कि यह रैनसमवेयर अटैक था। इसमें एक वायरस के जरिए डेटा को लॉक किया गया और वह डेटा सिस्टम से डिलीट दिखाने लगा। इसके बाद डेटा वापसी के लिए हैकर्स ने 7.50 लाख रुपए की फिरौती मांगी।
कंपनी का सारा डेटा गायब हो गया
12 और 13 जुलाई की रात में करीब डेढ़ बजे पर कॉर्पोरेट ऑफिस के सर्वर पर अटैक हुआ। इस अटैक के कारण कंपनी के मार्केटिंग बिजनेस से लेकर अन्य विभाग के डेटा गायब हो गए और कई विभागों का डेटा डिलीट भी कर दिया गया। शिकायत के मुताबिक कंपनी की कई महत्वपूर्ण फाइलें भी गायब हो गईं।इसके बाद कंपनी अधिकारियों और साइबर अटैक करने वाले अपराधियों के बीच चैट हुई, तो साइबर अपराधियों ने कंपनी से सात लाख रुपए की मांग की।
रात में किया गया साइबर हमला
दरअसल रात करीब 1.30 बजे कंपनी प्रबंधन को कुछ गड़बड़ी की सूचना मिली थी। इसके बाद कंपनी के आईटी इंजीनियर सक्रिय हुए। अटैक सर्वर पर हुआ था इसलिए एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचने में देर नहीं लगी। इंजीनियरों ने सर्वर कनेक्शन भी काटा लेकिन तब तक हैकर्स ने एक आईपी एड्रेस के जरिए सभी कम्प्यूटर स्क्रीन पर लिख दिया कि यह रैनसमवेयर अटैक है। इसके बाद फिरौती भी मांगी।
इंटरनेट के जरिए हो रहा है अटैक
दरअसल आज कल तरह-तरह के इंटरनेट के जरिए अटैक हो रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा इंडिविजुअल लोग होते हैं। खासकर वे जो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग करते हैं। हालांकि आप अगर सही तरीके से सब कर रहे हैं तो इतना आसान नहीं है कि आपके अकाउंट से पैसा कट जाए। आपको चाहिए कि आप कभी भी उन वेबसाइट्स के लिंक न क्लिक करें जिनकी विश्वसनीयता नहीं है। कभी भी सिक्योर वेबसाइट से ही आप पेमेंट करें।
पब्लिक इंटरनेट पर बैंकिंग सुविधा को लॉग इन न करें
पब्लिक इंटरनेट पर अपनी बैंकिंग सुविधा को लॉग इन न करें। किसी भी तरह के ऑन लाइन पेमेंट के लिए एक ऐसा बैंक अकाउंट रखें, जिसमें कुछ एक हजार रुपए हो। अपने मुख्य बैंक अकाउंट को कभी भी ऑन लाइन बैंकिंग न करें। ध्यान रखें कि हर कहीं भी पैसा मांगे जाने पर पेमेंट न करें। ऑन लाइन की ठगी से बचने के लिए किसी भी तरह की जानकारी लीक न करें। किसी भी तरह के पेमेंट के लिए ढेर सारे ऐप या ऑन लाइन ट्रांजेक्शन न करें।
एसबीआई ने भेजा त्यौहारी अलर्ट
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को एक अलर्ट ट्वीट किया। एसबीआई ने कहा कि बढ़ती हुई ठगी से ग्राहक सावधान रहें। यह ठगी न केवल ऑन लाइन लेन-देन से हो रही है बल्कि यह एटीएम के जरिए भी हो रही है। एसबीआई ने कहा कि अपना खाता सुरक्षित रखें। एसबीआई ने कहा कि त्यौहारी सीजन में आप ऑन लाइन ट्रांजेक्शन की गलतियां न करें।
किसी भी हाल में बैंकिंग डिटेल्स न दें
एसबीआई ने कहा कि आप को फोन कॉल, ईमेल आएंगे। इसमें आपकी बैंकिंग डिटेल्स मांगी जाएगी। पर आप इसे किसी भी तरह से न दें। बैंक कभी भी इस तरह की डिटेल नहीं मांगता है। ऐसा भी होता है कि आपको फोन आए कि आपका डेबिट कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा। पर बैंक ऐसा कोई कॉल नहीं करता है।
अप्रैल-जून तिमाही में 19 हजार 964 करोड़ का घोटाला
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान सरकारी बैंकों में कुल 2,867 मामले ठगी के आए। इसमें 19 हजार 964 करोड़ रुपए की ठगी हुई। आरबीआई ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी दी है। इसके मुताबिक, एसबीआई में सबसे ज्यादा ठगी हुई है। इसके बाद बैंक ऑफ इंडिया है। 12 सरकारी बैंकों में एसबीआई के साथ 2,050 ठगी के मामले आए हैं। इसमें 2,325 करोड़ रुपए ठगे गए हैं।