3 महीने पहले जारी की गई सोशल मीडिया गाइडलाइंस पर वॉट्सऐप को ऐतराज है। कंपनी इसके लिए कोर्ट गई है। केंद्र ने गाइडलाइंस के पालन पर पूरा जोर दिया है। इसके एक दिन बाद गुरुवार को भाजपा ने गाइडलाइन को लेकर रुख स्पष्ट कर दिया है। भाजपा ने कहा है कि यूजर की प्राइवेसी का सरकार सम्मान करती है, लेकिन गंभीर मामलों में वॉट्सऐप को हमें जानकारियां देनी ही होंगी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी नियमों पर सरकार का रुख साफ किया। इस बीच, गूगल और ट्विटर ने गाइडलाइंस पर अपना नजरिया बताया है। जानिए अब तक गाइडलाइंस पर किसने क्या कहा..
भाजपा: सरकार का नजरिया सोशल मीडिया पर बताया
- भाजपा ने अपनी पोस्ट में केंद्र की स्थिति स्पष्ट की है। पोस्ट में लिखा गया है- वॉट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी को अनिवार्य बनाना चाहती है, जिसमें वह अपने यूजर का डेटा मूल कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करना चाहती है। दूसरी ओर वह लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने और फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए जरूरी गाइडलाइंस को लागू न करने के लिए हर कोशिश करती है। हमारा यूजर्स की निजता का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं है।
- भारत में चलाए जा रहे कोई भी ऑपरेशन यहां के कानून के दायरे में आते हैं। वॉट्सऐप की ओर से गाइडलाइंस का पालन करने से इनकार करना साफ-साफ इसकी अवहेलना है। एक अहम सोशल मीडिया इंटरमीडियरी के रूप में वॉट्सऐप आईटी एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक सुरक्षा चाहती है। यह सही नहीं है। वे इससे बचना चाहते हैं।
कानून मंत्री: आम वॉट्सऐप यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं
वहीं, रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए नियम से आम वॉट्सऐप यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि नियमों में बताए गए कुछ अपराधों को अंजाम देने वाले संदेश की शुरुआत किसने की।
उन्होंने कहा कि ऑफेंसिव मैसेज के पहले ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देना पहले से ही प्रचलन है। ये मैसेज भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, बलात्कार, बाल यौन शोषण से संबंधित अपराधों से संबंधित हैं।
गूगल: किसी भी देश के नियमों का सम्मान करते हैं
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि हम सरकार ने IT नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अभी शुरूआती दौर है और हमारी लोकल टीमें इसमें काफी व्यस्त हैं। किसी भी देश के स्थानीय नियमों का हम सम्मान करते हैं और हमारा नजरिया इस दिशा में रचनात्मक रहता है। हमारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट स्पष्ट हैं। जब हम किसी सरकार की अपील पर अमल करते हैं तो इसे इस रिपोर्ट में हाईलाइट करते हैं।
ट्विटर: भारत में अपने कर्मचारियों को लेकर चिंता
ट्विटर ने गुरुवार को कहा कि भारत में बने नियमों में से जिसे हम लागू कर सकते हैं, उसे लागू करने की कोशिश करेंगे। लेकिन, हम अभिव्यक्ति की आजादी और पुलिस की धमकाऊ प्रवृत्ति को लेकर चिंतित हैं। हम नियमों को लागू करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ये पूरी तरह पारदर्शिता के उसूलों के साथ होगा। हम भारत के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी सर्विस भारत में कम्युनिकेशन के लिए प्रभावी जरिया साबित हुई है। महामारी के समय ये संबल का जरिया भी बनी है। हम भारत में अपने कर्मचारियों के साथ हुई घटनाओं को लेकर भी परेशान हैं। हम पूरे मामले में भारत सरकार के साथ अपनी बातचीत को जारी रखेंगे। हमारा मानना है कि इस मामले में दोनों ओर से सहयोगात्मक रवैया अपनाना जरूरी है।
वॉट्सऐप: कोर्ट में कहा- निजता का उल्लंघन
वॉट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि सरकार के इस फैसले से लोगों की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने बताया कि मैसेजिंग ऐप से चैट को इस तरह से ट्रेस करना लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। हमारे लिए यह वॉट्सऐप पर भेजे गए सारे मैसेज पर नजर रखने जैसा होगा, जिससे एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का कोई औचित्य नहीं बचेगा।