मोदी ने हाईवे प्रोजेक्ट और मेडिकल कॉलेज की नींव रखी, बोले- टी-वर्कर्स को मदद दी तो भी बदनाम कर रहे

Posted By: Himmat Jaithwar
2/7/2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम और पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। पहले वे असम पहुंचे। सोनितपुर में एक रैली में कहा कि देश में सवेरा पूर्वोत्तर से ही होता है, लेकिन विकास के सवेरे के लिए पूर्वोत्तर को लंबा इंतजार करना पड़ा। बीते 16 दिन में वे दूसरी बार इन राज्यों में पहुंच रहे हैं। इससे पहले वे 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर दोनों राज्य गए थे।

सोनितपुर के ढेकियाजुली में मोदी ने असम माला हाईवे प्रोजेक्ट की शुरुआत की। बिश्वनाथ और चराइदेव में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की आधारशिला भी रखी। इस प्रोजेक्ट की कुल अनुमानित लागत 1100 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है।

मोदी के भाषण की मुख्य बातें
हिंसा-तनाव छोड़कर असम विकास कर रहा
शहीदों के शौर्य की साक्षी सोनितपुर की ये धरती, असम का अतीत बार-बार मेरे मन को असमिया गौरव से भर देता है। हिंसा, अभाव, तनाव, भेदभाव, पक्षपात, संघर्ष जैसी बातों को पीछे छोड़कर पूरा नॉर्थ-ईस्ट विकास की राह पर बढ़ रहा है। असम इसमें प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

दूरदराज के इलाकों में अस्पताल बन रहे
असम के दूरदराज इलाकों में अच्छे हॉस्पिटल सपना होते थे। अच्छे अस्पतालों का मतलब घंटों की यात्रा और अनगिनत कठिनाइयां थीं। लोगों को यही चिंता सताती थी कि कोई मेडिकल इमरजेंसी न आ जाए। ये समस्याएं तेजी से समाधान की ओर बढ़ रही हैं। आप इस फर्क को आसानी से देख और महसूस कर सकते हैं। आजादी के बाद 7 दशकों में यानी 2016 तक असम में केवल 6 मेडिकल कॉलेज होते थे।

बीते 5 साल में असम में 6 और मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। चुनाव के बाद जब नई सरकार बनेगी तो मैं वादा करता हूं कि असम में भी एक मेडिकल कॉलेज और एक टेक्निकल कॉलेज स्थानीय भाषा में शुरू किया जाएगा। गुवाहाटी में भी एम्स होगा। गुवाहाटी असम ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर की जिंदगी बदलने में अहम भूमिका निभाएगा।

पुरानी सरकारें असम की तकलीफें समझ ही नहीं पाई
वो लोग पूर्वोत्तर से इतना दूर थे कि आपकी तकलीफें कभी समझ ही नहीं पाए। आज केंद्र द्वारा असम के विकास के लिए पूरे निष्ठा से काम किया जा रहा है। असम भी देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बढ़ रहा है। जो बदलाव देश देख रहा है, वही असम में भी दिख रहे हैं। असम में आयुष्मान योजना का लाभ सवा करोड़ गरीबों को मिल रहा है।

टी-वर्कर्स की मदद की तो बदनाम कर रहे
असम की खुशहाली और यहां की प्रगति का बहुत बड़ा केंद्र असम के चाय बागान भी हैं। बजट में चाय बागान में काम करने वाले भाइयों-बहनों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की विशेष योजना की घोषणा की गई है। देश को बदनाम करने के लिए साजिश रचने वाले इस स्तर तक पहुंच गए हैं कि भारत के चाय को भी नहीं छोड़ रहे। साजिश करने वाले कह रहे हैं कि भारत की चाय की छवि को बदनाम किया जा रहा है। क्या आपको ये हमला मंजूर है। इस हमले के बाद चुप रहने वाले लोग मंजूर हैं आपको? जो चुप बैठे हैं, उन सभी राजनीतिक दलों से असम का हर आदमी, हर चाय पीने वाला हिंदुस्तानी जवाब मांगेगा।

मोदी के कार्यक्रम में ममता के जाने पर संशय
बंगाल के हल्दिया में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि वो नहीं जाएंगी। 23 जनवरी को ही मोदी सुभाष जयंती पर कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल पहुंचे थे। यहां ममता भी मौजूद थीं, लेकिन जय श्री राम के नारे लगने के बाद वो नाराज हो गई थीं और भाषण दिए बिना ही मंच छोड़ दिया था।

मोदी का बंगाल में कार्यक्रम

  • शाम 4:50 बजे मोदी बंगाल के हल्दिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का शुभारंभ करेंगे।
  • मोदी हल्दिया में ही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की LPG इंपोर्ट टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
  • वे ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत डोभी-दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन सेक्शन को भी देश के नाम समर्पित करेंगे।
  • इसके बाद हल्दिया रिफाइनरी की दूसरी कैटेलिटिक-इसोडेवेक्सिंग इकाई की आधारशिला रखी जाएगी।
  • NH-41 पर रानीचक, हल्दिया में एक फोरलेन ROB-कम-फ्लाईओवर का उद्घाटन भी किया जाएगा।

बंगाल में 3700 करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू करेंगे

  • हल्दिया में जिस LPG इम्पोर्ट टर्मिनल का मोदी शुभारंभ करने वाले हैं, उसमें करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसकी क्षमता करीब 1 मिलियन मैट्रिक टन प्रति वर्ष है। इससे पश्चिम बंगाल, उत्तर पूर्वी भारत और पूर्वी भारत की LPG की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा।
  • डोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन सेक्शन में भी करीब 2400 करोड़ का निवेश किया गया है। इससे बंगाल और झारखंड के कई फर्टिलाइजर प्लांटों को गैस की पूर्ति की जा सकेगी।
  • हल्दिया में बनाए जा रहे फ्लाईओवर पर करीब 190 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इससे कोलाघाट से हल्दिया डॉक तक ट्रैफिक से निजात मिलेगी।



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