होम डिलीवरी और वैक्सीन बुकिंग के नाम पर ठगी, डेटा हैकिंग में तो सरकारें भी शामिल

Posted By: Himmat Jaithwar
12/31/2020

साल 2020 कोविड-19 महामारी के नाम तो रहा ही, इसके नाम का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम भी खूब बढ़ा। साइबर क्रिमिनल्स ने जो तरीके अपनाए हैं, उनमें सामान की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी से लेकर सोशल मीडिया पर किसी के नाम की फेक प्रोफाइल क्रिएट करके उसके दोस्तों से पैसे मांगना तक शामिल हैं। यूएन के अनुसार सभी देशों में कोविड के दौरान साइबर क्राइम 350% बढ़ा है। कोविड से संबंधित डेटा हैकिंग भी हो रही है और एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसा करवाने में सरकारें भी शामिल रही हैं। एक देश दूसरे देश में वायरस और वैक्सीन बनाने का डेटा हैक करवा रहे हैं। इसके लिए ग्रे मार्केट में बोली तक लगाई जा रही है।

कोविड वैक्सीन की बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी
जयपुर पुलिस के साइबर क्राइम कंसल्टेंट मुकेश चौधरी ने बताया कि सबसे नया तरीका कोविड-19 वैक्सीन के नाम पर ठगी का है। साइबर क्रिमिनल वैक्सीन के नाम पर लोगों को फोन कर रहे हैं। वे कहते हैं, “आप वैक्सीन अभी बुक कर लीजिए, यह आपके घर पर ही डिलीवर कर दी जाएगी। अभी यह ऑफर सीमित लोगों के लिए है।” साइबर क्रिमिनल बुकिंग के नाम पर लोगों से पैसे ले रहे हैं, जबकि सरकार या किसी कंपनी ने अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

ऑनलाइन शॉपिंग और होम डिलीवरी के नाम पर ठगी
साइबर क्रिमिनल्स ने बैंक और ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर भी लोगों को ठगा। चौधरी ने बताया कि मुंबई के एक शख्स ने शराब की होम डिलीवरी के लिए 60 हजार रुपए की पेमेंट की थी, लेकिन डिलीवरी न होनी थी न हुई। इस तरह के अपराध के लिए क्रिमिनल्स ने फेसबुक पर पेज क्रिएट कर लिया था और वहीं से लोगों को ऑफर भेजते थे।

घर बैठे काम करवाने के नाम पर ले लिए पैसे
लॉकडाउन के कारण लाखों लोगों की नौकरियां चली गईं हैं। साइबर एक्सपर्ट अभिषेक धाभाई ने बताया कि घर बैठे काम करने के नाम पर खूब धोखाधड़ी हो रही है। काम करने नाम पर लोगों से एडवांस पैसे लिए जा रहे हैं। वैसे तो यह तरीका पहले से चलन में है, लेकिन इन दिनों काफी बढ़ गया है। इसके अलावा लोगों को सरकारी एजेंसियों के नाम पर ईमेल भेजे जा रहे हैं। इसमें कहा जाता है कि आप कोविड पेशेंट के संपर्क में आए हैं। उसके बाद वे ऑनलाइन फॉर्म भरवाते हैं, जिसमें अनेक जानकारियां ले ली जाती हैं।

मोबाइल ऐप्स के जरिए लोन लेने वालों के सामने सुसाइड तक की नौबत
ऐप डाउनलोड करते समय यूजर के फोन बुक और गैलरी का एक्सेस ले लिया जाता है। किसी ने लोन ले लिया और इंस्टॉलमेंट समय पर नहीं दिया तो फोन बुक से कॉन्टैक्ट लेकर उन्हें मैसेज भेजा जाता है कि अमुक व्यक्ति ने लोन लिया है और उसने आपका कॉन्टैक्ट दिया है कि अगर उसने समय पर किस्त नहीं चुकाई तो आपसे पैसे वसूले जाएंगे। ऐसे ही एक मामले में हैदराबाद में दो लड़कियों ने सुसाइड कर लिया था। उसके बाद हैदराबाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर समेत अनेक जगहों पर ऐसे मामलों में केस दर्ज हुए हैं।

कोविड के अलावा भी नए तरह के साइबर क्राइम
जिन लोगों ने फेसबुक पर अपने मोबाइल नंबर को ही यूजर नेम और उसी को पासवर्ड रखा है, क्रिमिनल उनको निशाना बनाते हैं। उनकी फ्रेंड लिस्ट में जाकर लोगों को पैसे भेजने की रिक्वेस्ट करते हैं। इसमें उन लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाया जाता है जो सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं। फेसबुक यूजर्स को एक और तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।

क्रिमिनल किसी सरकारी अफसर के फेसबुक एकाउंट की फेक प्रोफाइल क्रिएट करते हैं। वे किसी अधिकारी के नाम की डिस्प्ले कॉपी करते हैं और उसे लगाकर फेक आईडी बना लेते हैं। जिनकी फ्रेंड लिस्ट विजिबल हैं, उनसे नाम लेकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और उनसे पैसे मांगते हैं। डीआईजी रैंक तक के अफसरों के साथ ऐसी घटनाएं हुई हैं।

ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचें
एक्सपर्ट्स के अनुसार, फिशिंग ईमेल से सावधान रहें। अगर किसी ईमेल में किसी तरह की जानकारी मांगी जाती है, या फॉर्म भरने को कहा जाता है तो पहले यह देखें कि ईमेल का सोर्स सही है या नहीं। एंटीवायरस और फायरवाल को अपडेटेड रखें। सोशल नेटवर्किंग साइट पर कहीं आने-जाने या घर की लोकेशन का जानकारी अपलोड न करें। वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल बेहतर है, इससे IP एड्रेस छुप जाता है। सोशल मीडिया पर फ्रेंड लिस्ट या फोटो गैलरी को सबके लिए ओपन न रखें। इसके अलावा मोबाइल नंबर को यूजर नेम और पासवर्ड नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इसका अनुमान लगाना बहुत आसान होता है।



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