वोट डालने के बाद बोले सिंधिया, कमलनाथ के आरोपों से कुछ नहीं होगा, जनता BJP के साथ

Posted By: Himmat Jaithwar
11/3/2020

ग्वालियर: मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर जारी वोटिंग के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मतदान किया है. वे वोट डालने  ग्वालियर के एमआई शिशु मिंदिर स्थित मतदान केंद्र नंबर 259 पहुंचे. सिंधिया ने पहली बार बीजेपी की तरफ से मतदान करने के बाद सभी 28 सीटों पर जीत का दावा किया है. सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ चाहे जितने भी आरोप लगा लें, जनता बीजेपी को पूरा समर्थन दे रही है.

 सिंधिया ने कहा कि हार के डर से कांग्रेस किसी भी तरह के मुद्दे  बनाती है, कांग्रेस पार्टी देश का नहीं, सिर्फ स्वंय का विकास चाहती है. वोट डालने के बाद सिंधिया ने कहा कि पहली बार बीजेपी की तरफ से वोट डालने पर गर्व महसूस कर रहा हूं मतदान के बाद सिंधिया ने जिस तरह से बीजेपी के पक्ष में किए मतदान का बखान किया वो आचार संहिता और चुनाव आयोग की गाइडलाइन के खिलाफ नजर आया, क्योंकि मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंतर इस तरह की बयानबाजी नियमों के खिलाफ होती है. फिलहाल कांग्रेस ने इस मामले को लेकर कोई आपत्ति अब तक दर्ज नहीं कराई है.

ग्वालियर पूर्व सीट पर इनके बीच मुकाबला
ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले मुन्नालाल गोयल चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने सतीश सिकरवार को चुनाव अखाड़े में उतारा है. सतीश सिकरवार साल 2018 में बीजेपी की टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. मतलब सुरखी सीट की तरह इस सीट पर भी दलबदलू नेता चुनावी मैदान में हैं.

सिंधिया का पलटवार
दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल उठाए तो उनके पुराने साथी रहे बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन पर पलटवार किया. सिंधिया ने कहा कि दिग्विजय सिंह पहले खुद पर सवाल उठाएं, उन्होंने मध्य प्रदेश का क्या हाल करके छोड़ा है. सिंधिया ग्वालियर में वोट डालने पहुंचे थे.

सिंधिया की साख दांव पर

28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख दांव पर है. 22 विधायकों के साथ सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी थी और बीजेपी को समर्थन दिया था. लिहाजा कमलनाथ सरकार की विदाई के बाद सत्ता पर बीजेपी काबिज हुई थी. अब कुल 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें ग्वालियर चंबल अंचल की 16 सीटें शामिल हैं, जो सिंधिया के प्रभाव वाली मानी जाती हैं. इन 16 सीटों पर सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों को ही बीजेपी ने टिकट दिया है. ऐसे में सिंधिया के सामने अपने सभी समर्थकों को जिताने की चुनौती है.

प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब 230 सदस्यीय विधानसभा की 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव हो रहे हैं. इन चुनावों में प्रदेश के 12 मंत्रियों समेत कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं. सत्ताधारी बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और उसे बहुमत के लिये 8 और सीटों की जरूरत है जबकि कांग्रेस के पास सदन में 87 विधायक हैं. कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 28 सीटों की जरूरत है.



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