कोरोना वैक्सीन लाइव अपडेट्स: पारसियों के लिए रिजर्व रखी जाएंगी कोरोना वैक्सीन की 60 हजार शीशियां

Posted By: Himmat Jaithwar
7/27/2020

घातक कोरोनावायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारत के साथ-साथ दुनियाभर में रोज बड़ी संख्या में नए केस सामने आ रहे हैं। इस बीच इसकी वैक्सीन बनाने की दौड़ भी तेज हो गई है। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी का टीका कोविडशील्ड (covid shield) रेस में आगे दिख रहा है। भारत में उसके ट्रायल की इजाजत मांगी गई है। वहीं भारतीय कोरोना वैक्सीन कोवेक्सीन का ट्रायल पहले से चल रहा है। कोरोना वैक्सीन पर हर ताजा अपडेट यहां जानिए

​सिर्फ पारसियों के लिए रखी जाएंगी वैक्सीन की 60 हजार शीशियां: पूनावाला

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ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को बनाने में साझेदार कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बड़ी बात कही है। कंपनी ने फैसला किया है कि वैक्सीन तैयार होने पर उसकी 60 हजार शीशियां पारसी समुदाय के लिए रिजर्व रखी जाएंगी। पारसियों की जनसंख्या भारत में करीब इतनी ही है। यह सब बात तब शुरू हुई जब स्वदेश फाउंडेशन के संस्थापक रोनी स्क्रूवाला ने ट्वीट कर मजाकिया अंदाज में सवाल पूछा। उन्होंने अदार से पूछा कि क्या आप कोरोना वायरस से बचाव के लिए पारसी समुदाय के लिए कुछ स्पेशल वैक्सीन कोटा रिजर्व रख रहे हो। इसपर अदार ने लिखा कि वह एक दिन में ही इतनी वैक्सीन बना देंगे कि पूरी दुनिया में रहने वाले पारसी समुदाय के लोग सुरक्षित हो जाएंगे। बता दें कि स्क्रूवाला और पूनावाला दोनों पारसी समुदाय से हैं।

इसके बाद बॉम्बे पारसी पंचायत के चेयरमैन दिनशाह मेहता की तरफ से सायरस पूनावाला को 60 हजार कोरोना वैक्सीन पारसियों के लिए रखने की गुजारिश की गई। मिली जानकारी के मुताबिक, इसपर सायरस राजी भी हो गए।

​सीरम ने ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके के दूसरे-तीसरे ट्रायल के लिए इजाजत मांगी

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कोविड-19 के लिए ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित टीके के उत्पादन के लिहाज से आस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने टीके के मनुष्य पर क्लीनिकल ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण के लिए भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) से अनुमति मांगी है। पुणे स्थित दवा कंपनी एसआईआई ने शुक्रवार को डीसीजीआई को आवेदन दिया है और कोविडशील्ड (covid shield) नामक टीके के परीक्षण के लिए अनुमति मांगी है।

‘कोरोनावारयरस रोकथाम के लायक, पर इलाज वैक्सीन से ही संभव’

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बेंगलुरु की प्रख्यात पीडिएट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट विजयलक्ष्मी आई. बालेकुंद्री ने कहा कि कोरोनोवायरस से बचा जा सकता है, लेकिन इसका टीका आने तक यह उपाचारात्मक नहीं है। बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट की एमेरिटस प्रोफेसर ने आईएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि संक्रमित होने से बचने का एकमात्र तरीका मास्क पहनना, हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाए रखना है, क्योंकि जब तक वैक्सीन नहीं मिलती है, तब तक इलाज से बेहतर है कि घातक बीमारी से बचाव किया जाए।



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