ऑफिस में तैनात महिला सिपाही ने अपने हाथों से टाइप किया एसओ चौबेपुर और विकास की मिलीभगत की चिट्ठी; आईजी ने डीजीपी को सौंपी रिपोर्ट

Posted By: Himmat Jaithwar
7/9/2020

लखनऊ. आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह की जांच में दिवंगत सीओ बिल्हौर रहे देवेंद्र मिश्र का तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखा गई चिट्ठी सही पाई गई है। आईजी ने डीजीपी हितेश अवस्थी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीओ के कंप्यूटर में वायरल चिट्ठी मौजूद मिली और उसे कार्यालय में तैनात एक महिला सिपाही ने टाइप किया था। कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर स्टॉफ ने एसएसपी को भेजे गए इस चिट्ठी की पुष्टि की है। बता दें कि, बीते छह जुलाई को सीओ देवेंद्र की चिट्ठी सामने आई थी। इस चिट्ठी में मिश्रा ने चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच मिलीभगत की आशंका जताई थी। डीएसपी ने यह भी चेताया था कि अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ी घटना हो सकती है।

आईजी ने कहा- मामले की उच्च स्तरीय जांच हो

आईजी लक्ष्मी सिंह ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जांच पड़ताल और सीओ के कार्यालय के स्टाफ से पूछताछ की गई तो पता चला कि सीओ द्वारा एसएसपी को लिखा गया पत्र असली है। सीओ के कंप्यूटर में यह पत्र मौजूद पाया गया और इस पत्र को कार्यालय में तैनात एक महिला सिपाही ने टाइप किया था। कम्प्यूटर आपरेटर से लेकर स्टाफ तक ने एसएसपी को भेजे गए इस पत्र की पुष्टि की है। आईजी लक्ष्मी सिंह ने इस प्रकरण की और गम्भीरता से उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की संसतुति भी की है। इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि एसएसपी ऑफिस से इस पत्र को किसने गायब कराया और इस पत्र पर पूर्व एसएसपी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

वर्तमान एसएसपी ने सीओ की चिट्ठी होने से नकारा था

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने बताया- सीओ की ओर से एसएसपी को जो लेटर लिखने की बात सामने आ रही है, वह एसएसपी से लेकर सीओ कार्यालय में नहीं मिल रहा है। उसकी न तो कोई डिस्पैच होने की तारीख है और न ही रिसीविंग की। 

विकास को बचा रहा था विनय तिवारी
जो लेटर सामने आया था, वह डीएसपी मिश्रा ने 14 मार्च 2020 को लिखा था। इसमें लिखा था- विकास दुबे के खिलाफ लूट, हत्या और अन्य संगीन अपराधों के 150 केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए। थाना प्रभारी चौबेपुर विनय तिवारी गैंगस्टर विकास दुबे की ढाल बने हुए हैं। तिवारी बचाव में कुछ भी करने को तैयार हैं।

विकास के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चौबेपुर थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया था। लोगों में विकास के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं है। इस मामले में थाना प्रभारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। विकास के प्रति एसओ का रवैया सहानुभूति भरा है। डीएसपी ने थाना प्रभारी पर कार्रवाई की भी मांग की थी। उन्होंने एसएसपी को फोन पर भी शिकायत की थी, लेकिन कहा जा रहा है कि एसएसपी ने कार्रवाई के लिए कोई निर्देश नहीं दिए थे। 

थाना प्रभारी विनय तिवारी सस्पेंड हो चुका
बीती 2 जुलाई की रात जब पुलिस पर हमला हुआ, तब चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी मौके से भाग गए थे। उन पर ही दबिश से पहले विकास को सूचना देने का आरोप है। एसटीएफ ने गहन पूछताछ के बाद साक्ष्य जुटाए। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। बुधवार को विनय तिवारी और हल्का दरोगा केके शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। 

अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी से की थी पूर्व एसएसपी की शिकायत की
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने बीते सोमवार को डीजीपी एचसी अवस्थी से कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की थी। उन्होंने डीजीपी को लिखे लेटर में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा का लेटर भी लगाया है। उन्होंने लिखा की डीएसपी की शिकायत के बाद एसएसपी ने कोई एक्शन नहीं लिया, यह लापरवाही है। हालांकि, इसके बाद अनंतदेव को डीआईजी एसटीएफ से हटा दिया। उन्हें पीएसपी में भेज दिया गया है।



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