मुंबई में प्रवासी मजदूरों के मुद्दे को कमल हासन ने टाइम बम बताया, कहा- बालकनी सरकार जमीनी हकीकत देखे

Posted By: Himmat Jaithwar
4/15/2020

चेन्नई. अभिनेता और मक्कल नीधि मैय्यम (एमएनएम) के अध्यक्ष कमल हासन ने मुंबई में प्रवासी मजदूरों के लॉकडाउन तोड़ने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तंज कसा। कमल हासन ने सोमवार रात ट्वीट किया, ‘‘बालकनी में खड़े सभी लोगों को जमीनी हकीकत पर ध्यान देना चाहिए। पहले दिल्ली और अब मुंबई में प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया। प्रवासी मजदूरों की समस्या ‘टाइम बम’ की तरह है, यह कोरोना से भी ज्यादा बड़ी हो, उससे पहले ही इसे डिफ्यूज किया जाना चाहिए। ‘बालकनी सरकार’ यह भी देखे कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है।’’

एक हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन का समय 3 मई तक बढ़ाने के बाद  मुंबई के बांद्रा स्टेशन के पास एकत्रित हो गए थे। तीन हफ्ते से मुंबई में फंसे यह मजदूर अपने गांव जाने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे। पुलिस को इन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।

कमल ने केंद्र को क्यों कहा बालकनी सरकार?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर 23 मार्च को देश भर में लोगों ने अपने घर के बालकनी में आकर थाली और ताली बजाकर स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया था। इसी बात को लेकर कमल हासन ने केंद्र सरकार को बालकनी सरकार बताया। इससे पहले 6 अप्रैल को भी हासन ने प्रधानमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर अचानक 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा करने पर सवाल उठाए थे। इस चिट्‌ठी में भी उन्होंने ताली और थाली अभियान पर तंज कसते हुए कहा था कि बालकनी सरकार सिर्फ बालकनी वाले लोगों के लिए काम करना चाहती है।

मजदूरों के मुद्दे पर पीएम को चिट्‌ठी लिखी थी

हासन ने 23 मार्च को प्रधानमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर दिहाड़ी मजदूरों की समस्याएं उठाई थी। उन्होंने लिखा था कि देश के कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, खेती-किसानी करने वाले और मजदूर हैं। मैं यह पत्र उन तमाम लोगों के लिए लिख रहा हूं, जो हमारी अर्थव्यवस्था को ताकत देते हैं। इकोनॉमिक रिस्पॉन्स टास्क फोर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे कामगारों की आय में कोई कमी न आए। इन कामगारों के खाते में सीधे पैसे पहुंचाने करने पर भी विचार करना चाहिए, ताकि इस तबके के लोगों को इस मुश्किल वक्त से उबरने में मदद मिल सके। मैं देश के लाखों मजदूरों, किसानों और दिहाड़ी मजदूरों का जीवन बचाने की अपील करता हूं। 



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