रविशंकर प्रसाद ने तीन न्यूज चैनलों को दिए इंटरव्यू की वीडियो क्लिप शेयर की थी, ट्विटर ने इसे कॉपीराइट उल्लंघन माना

Posted By: Himmat Jaithwar
6/26/2021

नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने शुक्रवार सुबह एक घंटे के लिए IT और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक कर दिया। हालांकि बाद में उसे अनब्लॉक भी कर दिया। ट्विटर ने इस एक्शन के पीछे डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) का हवाला दिया। ये अमेरिका का कॉपीराइट कानून है।

दरअसल, रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया गाइडलाइंस और इसके पालन को लेकर न्यूज चैनल्स को इंटरव्यू दिए थे। उन्होंने 23 और 24 जून को इन इंटरव्यू की क्लिपिंग्स अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की थी। ट्विटर ने इसी को अमेरिकी कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना है। सवाल-जवाब में पूरा मामला समझिए...

ट्विटर ने अकाउंट क्यों ब्लॉक किया?
ट्विटर ने रविशंकर का अकाउंट ब्लॉक करते हुए पोस्ट की थी। इसमें ट्विटर ने कहा था कि आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है, क्योंकि आपके अकाउंट से हुई पोस्ट को लेकर हमें DMCA के तहत एक शिकायत मिली है। इस DMCA के तहत कॉपीराइट रखने वाला ट्विटर के सामने ये दावा सकता है कि कोई यूजर उसके कंटेंट के कॉपीराइट का उल्लंघन कर रहा है। DMCA के तहत वाजिब शिकायत मिलने पर ट्विटर ऐसे कंटेंट को हटा सकता है।

ट्विटर रिपीट कॉपीराइट पॉलिसी मेंटेन करता है। इसके तहत कॉपी राइट एक्ट का बार-बार उल्लंघन करने पर यूजर का अकाउंट सस्पेंड भी किया जा सकता है। अगर DMCA का बार-बार उल्लंघन किया जाता है तो आपका अकाउंट भी सस्पेंड किया जा सकता है। अपना अकाउंट दोबारा इस्तेमाल करने के लिए आपको ट्विटर की कॉपीराइट पॉलिसी का रिव्यू करना होगा।

अकाउंट अनब्लॉक करने पर ट्विटर ने क्या कहा?
ट्विटर ने अकाउंट अनब्लॉक करने पर कहा कि आपके अकाउंट के खिलाफ अगर फिर से कोई नोटिस मिलता है तो आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा सकता है। इसे सस्पेंड भी किया जा सकता है। ऐसा न हो, इसलिए आप हमारी कॉपीराइट पॉलिसी का उल्लंघन न करें। आप तुरंत अपने अकाउंट से ऐसा कंटेंट हटा दें, जिसे पोस्ट करने के लिए आप अधिकृत न हों।

किस कंटेंट को लेकर ट्विटर ने ये कार्रवाई की?
रविशंकर प्रसाद ने 23 और 24 जून को 3 न्यूज चैनलों पर दिए अपने इंटरव्यू की क्लिपिंग्स ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की थीं। इसमें उन्होंने देश में लागू किए गए IT कानूनों पर बात की थीं। इन कानूनों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कुछ गाइडलाइंस लागू करने को कहा गया था।

एक इंटरव्यू में रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि भारत में यूजर्स ट्विटर और वॉट्सऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अगर कोई पोस्ट या मैसेज देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र का माहौल या कानून-व्यवस्था को बिगाड़ता है, तो इन प्लेटफॉर्म्स को ये बताना ही होगा कि ऐसे मैसेज को भारत में सबसे पहले किसने पोस्ट किया।

क्या ट्विटर ने भारत सरकार की गाइडलाइन मानी?
नहीं। नए IT नियमों का पालन नहीं करने की वजह से भारत सरकार ने ट्विटर से देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा वापस ले लिया था। यानी अब ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा।

ट्विटर पर एक्शन के बाद कानून मंत्री ने क्या कहा था?
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर कानूनी संरक्षण का हकदार है? हालांकि, मामले में सीधी बात यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुई गाइडलाइन का पालन करने में नाकाम रहा है। इसके बाद भी उसे काफी मौके दिए गए थे। फिर भी उसने जानबूझकर गाइडलाइन न मानने का रास्ता चुना।

अमेरिका का कॉपीराइट एक्ट क्या है, क्या ट्विटर इसका इस्तेमाल भारत में कर सकता है?
ट्विटर भले ही भारत सरकार की गाइडलाइंस को लागू करने में फेल रहा, पर उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट, मैसेज और अकाउंट के संबंध में कार्रवाई अमेरिकी कानूनों के तहत ही की जाती है। रविशंकर प्रसाद के मामले में भी उसने ऐसा ही किया है।

अमेरिका का कॉपीराइट एक्ट डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट (DMCA) कहलाता है। अक्टूबर 1998 में उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने इस कानून को लागू किया था। क्लिंटन ने तब कहा था कि इस कानून को बनाने का मकसद किसी कंटेंट को चोरी होने से बचाना है और चोरी होने पर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करना है। इसके तहत सभी तरह के डिजिटल प्रोडक्ट जैसे ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, कंटेंट आते हैं।



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