मुस्लिम बहुल इस इलाके में अम्फान, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे मुद्दों के बाद भी दीदी का दबदबा कायम, कई सीटों पर BJP दे रही कड़ी टक्कर

Posted By: Himmat Jaithwar
4/12/2021

आबादी के लिहाज से पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा जिला नॉर्थ 24 परगना है। यह एक तरफ से बांग्लादेश बॉर्डर को भी छूता है। नॉर्थ और साउथ 24 परगना TMC का गढ़ माने जाते हैं, क्योंकि यहां मुस्लिम पॉपुलेशन ज्यादा है, जो ममता बनर्जी के कोर वोटर रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में जिले की 33 में से 27 सीटें दीदी ने जीत ली थीं। हालांकि तब BJP आज की तरह लड़ाई में नहीं थी।

17 अप्रैल को पांचवें फेज में नॉर्थ 24 परगना की 16 सीटों पनिहाटी, कमरहाटी, बरानगर, दमदम, राजारहाट न्यूटाउन, बिधाननगर, राजारहाट गोपालपुर, मध्यमग्राम, बरसात, डींगांगा, हारो,मिनाखान, संदेशखली, बशीरहाट उत्तर, बशीरहाट दक्षिण, और हिंगलगंज पर चुनाव होना है। इन सीटों पर मुस्लिमों की औसत पॉपुलेशन 40% के करीब है। इसलिए TMC को यहां जीत की पूरी उम्मीद है, लेकिन इस बार BJP भी कई सीटों पर टक्कर दे रही है।

BJP ने अम्फान तूफान में हुए भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने की कोशिश की है। अम्फान में पश्चिम बंगाल के जिन जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था, उसमें नॉर्थ और साउथ 24 परगना शामिल थे। यहां हजारों घर पानी में बह गए। सरकार ने कुछ लोगों को 20-20 हजार रुपए दिए। कुछ को 5-5 हजार रुपए दिए। इसमें हुए भ्रष्टाचार को ही BJP ने बड़ा मुद्दा बनाया है। पंचायत चुनाव में यहां लोगों को वोट भी नहीं डालने दिए गए थे।

थोड़ी बहुत नाराजगी के बाद भी यहां अच्छी तादाद में लोग TMC और दीदी के साथ दिखते हैं। उनका कहना है कि दीदी की योजनाओं से उन्हें लाभ मिला है।
थोड़ी बहुत नाराजगी के बाद भी यहां अच्छी तादाद में लोग TMC और दीदी के साथ दिखते हैं। उनका कहना है कि दीदी की योजनाओं से उन्हें लाभ मिला है।

TMC के स्थानीय नेताओं की गुंडागर्दी भी है। बेकारी तो है ही। इसके बावजूद इलाके में ममता के खिलाफ ज्यादा गुस्सा नजर नहीं आ रहा। इसका एक कारण ये भी है कि मुस्लिम BJP को पसंद नहीं करते। वे कहते हैं- हमें दीदी ने फ्री में राशन, साइकिल, स्वास्थ्य कार्ड दिया और सड़क-पुल-पुलिया भी बनाए। इसलिए हम दीदी को ही जिताएंगे। बंगाल की राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले प्रोफेसर विश्वनाथ चक्रवर्ती कहते हैं- इन 16 में से एक भी सीट BJP को नहीं मिलेगी, क्योंकि यहां मुस्लिम एकतरफा ममता को वोट करेंगे। कुछ वोट उन्हें हिंदुओं के भी मिलेंगे और कुछ फॉल्स वोटिंग भी इस एरिया में हो सकती है।

हर सीट पर लड़ाई में नजर आ रही BJP

हालांकि मैदान पर घूमने पर पता चलता है कि भले ही यह एरिया TMC का गढ़ है, लेकिन BJP हर सीट पर यहां लड़ाई में है। मिनाखान में लोग TMC के खिलाफ नजर आ रहे हैं। सुब्रतो नाथ कहते हैं कि परिवर्तन चाहिए क्योंकि रास्ता-घाट तो सब हुआ, लेकिन बेकारी तो जस की तस है। संदेशखाली विधानसभा में लोग दीदी के पक्ष में खड़े दिखे। सुजीत सरकार बोले, दीदी ने दस साल में यहां रिकॉर्ड तोड़ काम किया है, इसलिए जीतेंगी वही।

बशीरहाट उत्तर के हबीबउल्ला बोले- TMC हर किसी को कुछ न कुछ देती है। इसलिए वो जीतेगी। नॉर्थ 24 परगना के स्थानीय जर्नलिस्ट विश्वनाथ दत्ता कहते हैं, संदेशखाली में BJP के तीन कार्यकर्ताओं का मर्डर हुआ। इससे TMC के खिलाफ हवा बनी, लेकिन अभी वो सीट हारती नहीं दिख रही। बशीरहाट दक्षिण BJP की तरफ जा सकता है, क्योंकि यहां पोलराइजेशन के चलते हिंदू वोट एकजुट होते दिख रहे हैं।

ये इलाका TMC का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार कई सीटों पर BJP को भी लोग सपोर्ट कर रहे हैं।
ये इलाका TMC का गढ़ रहा है, लेकिन इस बार कई सीटों पर BJP को भी लोग सपोर्ट कर रहे हैं।

डींगांगा में TMC जीतती दिख रही है क्योंकि यहां मुस्लिम आबादी 50% से भी ज्यादा है और इस सीट पर लोकसभा चुनाव में भी TMC को भारी लीड मिली थी। बारासात में त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। यहां संयुक्त मोर्चा की तरफ से जिस लीडर को उतारा गया है, उसकी भी अच्छी-खासी पॉपुलैरिटी है। राजारहाट गोपालपुर में BJP और TMC के बीच फाइट है। दमदम में TMC आगे नजर आ रही है वहीं कमरहाटी सीट में पिछड़ती दिख रही है।

नॉर्थ 24 परगना की दो लोकसभा सीट BJP ने जीतीं, लेकिन वहां जहां मुस्लिम कम

साल 2019 में ही BJP ने TMC के इस गढ़ को भेद दिया था। नॉर्थ 24 परगना में कुल पांच लोकसभा सीट आती हैं। इसमें से बैरकुपर और बनगांव BJP ने जीत ली थीं लेकिन ये दोनों वो सीटें हैं जहां मुस्लिम आबादी बहुत कम है और मतुआ सम्प्रदाय के लोग ज्यादा हैं। जबकि बशीरहाट, बारासात में TMC को ही जीत मिली थी और अधिकतर सीटों पर लीड भी TMC ने ही ली थी।

यहां कुछ सीटों पर संयुक्त मोर्चा दीदी के वोट काट सकता है क्योंकि ISF की तरफ से मुस्लिम कैंडिडेट उतारे गए हैं, लेकिन वो परसेंटेज काफी कम नजर आ रहा है। अधिकतर मुस्लिम दीदी के साथ ही खड़े दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव में नागरिकता संशोधन कानून की दम पर यहां BJP को सपोर्ट मिला था। अब इसमें असमंजस की स्थिति है, जिसका फायदा TMC उठाने की कोशिश में है।



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